Page 145 - Gyananda YearBook 2022-23
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मरा अपव अनभव
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हमारी ज़दगी क सफर म हम कई अनभव होत ह ,
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ल कन इन म स कछ हमार जीवन का अ भ अग बन
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जात ह | करोना महामारी क बाद जब कल खल ,म
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कल आन क लए ब त उ सक थी | उसका कारण मरी
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तराक क क ाएँ थी | कल प चत ही अ या पका न े
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बताया क एक महीन क बाद तराक तयो गता होन े
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वाली ह | चय नत व ा थय क सची म मरा नाम भी था
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| यह जानकार म फली न समाई | हम हमारी दनचया स े
अवगत कराया गया | त दन ात: हम 6:30 बज े
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तराक क लए आना होगा | पहल दनबड़ी म कलस े
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मरीआख खली, ल कन धीर –धीर मझइसक आदतहो
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गई| दो वष स तराक न करनक कारणमझ परशानीहो
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रहीथी | एक महीनक अ यासक बादहम सभीब े
तराक म मा हरहो गएथ |
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हम कमल ध त आनद ,क ा -7
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हम कमल ँ
शान ,मान ,
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रा य का
प प अ त सदर ,
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कमल सा |
धरा स र
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पहाड़ का
कल-कल बहती
धारा का |
खलता रात म ,
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साल क एक बार म
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व सफ़द सा
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हम का वरदान सा,
सजीवनी बट सा
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म हम कमल
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उ राखड का |
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याशा रावत ,क ा -5