Page 151 - Gyananda YearBook 2022-23
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क त सभी क जीवन का सबस मह वपण और अ भ अग ह। सभी को सदर क त क प म भगवान न े
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स यार का आशीवाद दया ह । हम क त का आनद लन स कभी नह चकना चा हए । क त कई
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स क वय , लखक , च कार और कलाकार क काय का सबस पसद दा वषय रहा ह ।
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क त ई र क सदर रचना ह जस उ ह न हम एक अनमोल उपहार क प म दया ह । क त वह सब कछ
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ह जो हम जल, वाय, भ म, आकाश, अ न, नद , वन, पश, प ी, पौध, सय, च मा, तार, सम , झील,
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बा रश, गरज, तफान, आ द क तरह घर लती ह। क त ब त रगीन ह और इसक गोद म जी वत और गर-
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जी वत दोन ह ।
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क त क हर चीज म ई र ारा द अपनी श और व श ता ह । क त क अनसार हमारा मड भी
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बदल जाता ह जस क सरज क रोशनी, बा रश का मौसम और वसत का मौसम। क त म कछ श शाली
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प रवतनकारी श होती ह जो हमारी मनोदशा और वहार को बदलती ह। क त म रो गय को उनक े
रोग स उबारन क श ह, य द उ ह आव यक और सखद वातावरण दान कया जाता ह।
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क त हमार व जीवन क लए ब त आव यक ह इस लए हम इस साफ रखना चा हए और अपनी भावी
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पी ढ़य क लए इसका सर ण करना चा हए। हम पड़ और जगल को नह काटना चा हए, अपनी वाथ
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ग त व धय क मा यम स ीन हाउस भाव, लोबल वा मग और ब त अ धक नह बढ़ाना चा हए। हम
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अपन वभाव क बार म परी तरह स अवगत होना चा हए और इस वाभा वक रखन क लए अपनी परी
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को शश करनी चा हए ता क यह प वी पर जीवन को हमशा क लए पोषण द सक।
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गरबानी लथरा ,क ा -9
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सफल को शश
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एक बार क बात ह एक रो हत नामक आदमी अपन म क साथ गगा तट पर घमन गया| वह और उसक े
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म गगा कनार बात कर रह थ |तभी एक म न सझाव दया क चलो नद म तरन जात ह |रो हत और ू
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उसक म पानी म उतर और खलन लग | थोड़ी दर बाद उ ह न दखा क रो हत पानी म डब रहा था सब खब
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च लान लग पर त रो हत धीर - धीर पानी क नीच जा रहा था |उसक चारो ओर अधरा छा चका था |तभी
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रो हत न सोचा क , अगर आज उसन यहा स बहार नकलन क को शश नह क तो वह कल का उगता
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सरज कभी न दख पायगा |उसन हाथ पर चलान श कय और खद को सफल होता आ पाया | उसक
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म न पानी म एक र सी फक जसक मदद स रो हत को पानी स बाहर ख चा गया | इस तरह सकट क
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घड़ी म सझ-बझ स काम लन पर रो हत क जान बच गई |
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श ा घोर सकट म भी हम सझ-बझ और चतराई स काम लना चा हए और आ खरी दम तक यास करना
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मा हका क टयार ,क ा -9