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या क ु न्िन्िुतुषारहारधिला या शुभ्रिस्रािृता
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या िीणािरिण्डमण्ण्डतकरा या श्ितपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृततभभिेि ैः सिा िण्न्िता
सा मां पातु सरस्िती भगिती तनैःशेषजाड्यापहा॥१॥
May goddess Saraswati Bless you with education
and arts.
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