Page 4 - केंद्रीय विद्यालय बड़ोपल ई- पत्रिका
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व
                                            सर्धर् सर्भार्
                                                   व

                                                                             ृ
                                        ू
                                                                                         ु
                                                       ै
                                    ै
                                                             ू
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                त ही रार् ह त रहीर् ह , त करीर् कष्ण खदा
                हुआ।
                त ही रार् ह त रहीर् ह , त करीर् कष्ण खदा
                  ू
                                                             ू
                                    ै
                                                       ै
                                                                             ृ
                                        ू
                                                                                         ु
                हुआ।

                                                     ु
                                           ू
                                    ु
                  ू
                त ही र्ाह गरु त यीश र्सीह , हर नार् र् त सर्ा
                                                                                      ें
                                                                                           ू
                                े
                रहा।
                त ही रार् ह………………
                  ू
                                    ै


                                                        े
                                                                 ु
                                  ु
                      े
                सर् भर्न्त सखखनः  सर् सन्त ननरार्या,
                                      ु
                      े
                सर् भद्रानि पश्यन्त र्ा कनिद ्  दुख भागभर्त।
                                                                                           े
                                                 ु
                  ँ
                ऊ शाखन्तः  शाखन्तः  शाखन्तः


                                           ु
                                                                               ु
                 अर् - "सभी सखी होर्, सभी रोगर्क्त रह, सभी
                                                         ें
                                                                                          ें
                        व
                   ं
                                                   े
                र्गलर्य घटनाओं क साक्षी बन और नकसी को भी
                                                                       ें
                                                                े
                दुः ख का भागी न बनना पड।"






















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