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ए�ाकीम, उसक महल का “अ��रयों की
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अिधकारी, यशायाह के पास बातों से भयभीत ना
गया.....
हो।”
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िहजिक�ाह पछता े
है िक �ा प्रभु न े “स�रीब एक
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रबशाक की िनदा अफवाह सुनगा—”
को सुना है।
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यशायाह, यह “--मर �ारा
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एक अंधेरा उसक कानों म�
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िदन है। प�ँचगी—”
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हाँ, लिकन “—वह उसे घर ले
जाएगा, वहा वह
िहजिक�ाह के तलवार से मार िदया
िलए प्रभु का वचन जाएगा।”
है।
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इसक तरंत बाद,
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िहजिक�ाह न प्राथना कृ पा करक!
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की ...
प्रभु , मेरा
रोना सुन!
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स�रीब से हम� बचा,
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तािक सार रा� जान
जाय� िक तू ही एकमात्र
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परम�र है!
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रबशाक न एक और
िनदा भरा पत्र भेजा।
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लिकन यशायाह न,
भी एक पत्र भेजा।
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उसन कहा िक, “वे
शहर म� प्रवेश नहीं कर
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पाएग और यहा तक िक
एक तीर भी नहीं चला
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पाएग।”
“ प्रभु कहता है िक, म�
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इस शहर की सर�ा
क�ँ गा, और इसे और वा�व म�, उसी
ं
बचाऊगा!” रात--
यशायाह 15 15
यशायाह37:3-3537:3-35