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यशायाह लगातार
भिव��ाणी करता रहा।
उसकी
भिव�वािणयों न े
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बंधुवाई और सा�ना
की बात की।
और मसीह, सेवक,
वह जो आएगा और
दुः ख सहेगा....
प्रभु कहता है:
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“मर लोगों को
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सा�ना दो,
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य�शलम के पापों
को िमटा िदया गया
है।’’
“वह तु� जाना गया और उसका �प
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"एक पकारनवाल की आवाज, ' प्रभु "देखो, मेरा सेवक ब��मानी से िबगड़ा �आ था इसिलए वह म��ल से
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के िलए माग तयार करो।"’ रा� करगा।" एक इसान की तरह पहचाना जा रहा था!”
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" प्रभु की मिहमा प्रगट होगी, और "वह ऊँ चा और अित महान "वह हमार पापों के
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सभी इसे देखग!" हो जाएगा।" िलए ही घायल हो
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गया, और उसक मार
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खान के �ारा, हम चंगे
हो गये।"
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“उसन अपराधों
के बिलदान के
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"लिकन ऐसा कोई तेज नहीं �प म� खुद को
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था जो मन�ों को उसक बिलदान कर
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प्रित आकिषत करता।" िदया।”
प्रभु कहता है,
“सुनों और तुम ु े
जीिवत रहो।” "म� त�ार साथ एक
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अनतकालीन वाचा
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बाधगा, अपना
िव�ासयो� प्रेम, दाऊद
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को िदखाऊगा।"
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“छड़ानवाला िस�ोन से
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आएगा, और उनक िलए
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जो अपन पापों से
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प�ाताप करग।”
18 18 यशायाह40-53
यशायाह40-53