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िहजिक�ाह की मृ�ु हो गयी
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और उसक बटे, मन� न े प्रभु , यह ऐसा है जैसे
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िसहासन ले िलया। तर लोग तुझे कभी हम अशु� ह�, और
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जानत ही नहीं थे! यहाँ तक िक हमारे भले
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एक दु� राजा, उसन मूित�पूजा को िफर काम भी ग� कपड़ों
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से शु� करन की अनमित दी और के िचथड़ों की तरह ह�!
प्रभु के भिव���ाओं को मौत के
घाट उतरवा िदया। हम िम�ी ह�: तू
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क�ार है!
हे प्रभु ! म� तेरी दया,
प्रेम और क�णा की
बात करता र�ंगा!
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हमार पापों को म�न िवद्रोही जाित के तो, �ा तर वंशज
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भी होंग।
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हमशा के िलए सामन अपन हाथों
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याद ना रख! को फलाया है।
याद रख िक और सारी मानव जाित
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हम तर लोग �ग मेरा िसहासन मर सामन आएगी और
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ह�! है। पृ�ी मरे पैरों झुके गी।
की पीढ़ी है....
�ा तू चुप
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रहेगा? ....लिकन म� ऐसे कु छ लोगों के �ारा
��� की तलाश म�
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�ँ िजसम नम्र �भाव ऐसा िव�ास िकया े े
हो। जाता है िक मन� न
यशायाह को मार डाला
था।
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य�शलम म�
खुशी आएगी।
और संपूण� रा� � ों पर
जलती �ई आग की
तरह �ाय आएगा।
एक नया आकाश े
और एक नयी पृ�ी लिकन यशायाह के जीवन के
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मर स�ख बन रह�ग। े अिधकतर िववरणों की तरह,
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उसकी मृ�ु के िववरण भी
अ�ात ह�।
यशायाह 63-66 19 19
यशायाह 63-66