Page 23 - HINDI_SB54_Acts2
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शाऊल, पतरस और अ�                       यिद उनकी गद�न
                  े
                 े
              े
             प्र�रत तर जीवन म� मसीह के             की मासपिशया कोई
                                                            ँ
                                                       ं
                                                         े
                �
             काय को पहचान गए ह� - तू                 सके त ह�, तो हम�
                                                      ं
               ँ
                    े
             यहा य�शलम म� िश�ा देन  े                 सम�ा है।
                                                                        े
               के  िलए आजाद है।                                       म�न सुना है िक वे
                                                                              े
                                                                     उसे मार डालन की
                                                                     योजना बना रहे ह�।
                                े
                      तो मेरी पहली सवकाई उन
                      लोगों म� होगी िज�� म� जानता
                                 ू
                      और समझता �ँ - यनानवासी
                            य�दी।






         तुम यह कहकर
                े
          िन�ा करत हो
                 े
         िक वह परम�र
             है।
                           े
                        े
                  िन�ा करनवाल के
                  िलए के वल एक ही
                   उिचत सजा है!                         शाऊल, तर  े
                                                              े
                                                         िलए यह
                                                         वचन।






                                                                     े
                                                         े
                                                                       ृ
                           वे अंधे ह� -               “थोड़ समय के  िलए अपन गह नगर
                                                        ु
                           बपरवाह।                   तरसस को चला जा... इस गरमाए �ए
                            े
                                                                      े
                                                        वातावरण को ख़� होन दे।”
                                                                   े
                                                           े
                                   ु
                                 अगवों को लगता है      “उसक बाद ... परम�र के  बड़े
                                                          े
                                           े
                                 िक तुझे य�शलम          उ��ों के  िलए लौट आना।”
                                  छोड़ना चािहए।






               े
        म� उस पहल तीर से
             ूँ
       नहीं भागगा जो मुझ      कोई भी तेरी िह�त पर
                                           े
        पर चलाया गया है।     सवाल नहीं उठाता - लिकन
                              हम� लगता है िक प्रभु के
                                  े
                                 े
                             पास तर िलए एक कु छ और
                                  योजना है...
                                            े
                                            �रतो
                                            े प्र
                                                के
                                                  काम
                                               ं
                                                      9:28-30

                                           प्र�रतों के  काम 9:28-30                        21 21
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