Page 28 - HINDI_SB54_Acts2
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नहीं - खड़ा हो जा। म�
                          ु
                 के वल एक मन� �ँ।








                                                      े
                                                       े
                                               अंदर आ - मर प�रवार और
                                                            े
                                               िसपािहयों को यह सुनन का
                                               ं
                                                            े
                                                         े
                                              इतजार है िक परम�र न तुझे
                                                  े
                                               कहन के  िलए �ा िदया है।


                                                                  तू जानता है िक यह हमारी
                                                                 �वस्था के  िव�� है िक एक
                                                                य�दी िकसी अ�जाती के  साथ
                                                                          ँ
                                                                सहभागी हो, यहा तक िक उसक  े
                                                                     पास भी जाए।
                                                                            े
                                                                         े
                                                                   े
                                                                  लिकन परम�र न मुझे िदखाया
                                                                                ु
                                                                  है िक मुझे िकसी भी मन� को
                                                                  अशु� या अपिवत्र नहीं कहना
                                                                         चािहए।







          उ�वल व� धारण िकए
                  े
          एक ��� न मुझे बताया
               े
                  े
                        �
          िक परम�र न मेरी प्राथना
          सुनी है और गरीबों को दी
           गई मेरी भ�टों को �रण
          िकया है - और तुझे यहा  ँ
              बलवा भेजँ। ू  अब – तेरी बात सुनन  े
               ु
                          के  िलए हम सभी
                            े
                         परम�र की उप�स्थित
                           म� एकित्रत ह�
                                        प्र�रतों के  काम 10:23-33
     26 26                              प्र े े �रतो ं   के    काम  10:23-33
   23   24   25   26   27   28   29   30   31   32   33