Page 26 - HINDI_SB54_Acts2
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“कस�रया शहर म� करनिलयस नाम का एक ��� रहता था, जो
एक रोम की पलटन का सूबेदार था। वह और उसका प�रवार भ�
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और परम�र का भय मानत थे।
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“एक िदन जब वह
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प्राथना कर रहा था...”
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करनिलयस!
हे प्रभु,
�ा है?
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परम�र न तेरी प्राथना
सुनी है और गरीबों को
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िदए गए तर दान देख ह� -
वे एक यादगार भ�ट के
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�प म उसक सम� प�ँच े
ह�।
अब िकसी को भेजकर
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पतरस नामक मन� को
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बलवा ल जो समुद्र के
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िकनार याफा म� ठहरा
�आ है।
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परम�र के �गदू त न कहा
है इसिलए हम� इस पतरस
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नामक मन� से भ�ट करनी
चािहए। नम्रता पूव�क िवनती
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करत है िक वह यहा आए।
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म� उसक आन े
के िलए सब कु छ
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तयार कर दूँगा।
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�रत
के
काम
24 24 प्र�रतों के काम 10:1-8
10:1-8