Page 7 - rural development intro
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'लोक' शब्द को िडफील्ड ने लोकवप्रय ककया ह। इसका अथण
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है- पािपरिक सजातीय समुदाय क े व्यजक्त या व्यजक्तयों का
समूह। समान जानत से गहित समाज को लोक समाज कहते
हैं।
लोक समाज अपने अतीत को काफी महत्त्व दता ह। लोक
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समाज अपनी पिपिाओं, मान्यताओं एवं अपनी वविासत से
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पूिी तिह संतुष्ट्ट होता है एवं इन पि गवण किता ह। पिपिा
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जो सामाजजक व्यवहाि औि ववचािधािा क े रूहढ़गत स्वरूप
को दशाणती है अथाणत ् जो ननयम एवं ववचाि पहल बन गय, वे
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उसी रूप में कायम िहेंग।
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शहिी समाज भववष्ट्य क े प्रनत ज्यादा सजग ह। यहाुँ लोग
सुख-सुववधाओं क े साधन ज्यादा से ज्यादा प्राप्त किना
चाहते हैं। शहिी समाज भववष्ट्य की ओि दखता है जबकक
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ग्रामीण समाज की सोच वपछडी बनी िहती ह। शहिी समाजों
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