Page 9 - rural development intro
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● ग्रामीण समाज अपनी आजीववका क े मलए कवि पि ही
                                                                                             ृ


               ननभणि िहता ह। अधधकांश लोग कवि कायों से ही जुडे िहते
                                      ै
                                                                      ृ

               हैं। इसक अलावा ग्रामीण समाज में दस्तकाि एवं कािीगि
                             े


               लोग भी िहते हैं।








               • ग्रामीण समाज में कािीगि एवं दस्तकाि लोग भी ववशेि



                                                                              े
               परिजस्थनत में कवि कायण किते हैं। जैस मानसून क े दौिान
                                         ृ

                                                                             े
               औि उसस उत्पाहदत उत्पाद उनकी घिलू जरूित पूिी किने
                                े

               क े मलए काफी होता ह।
                                                 ै







                                       ं
               भाित  क े  पािपरिक  िीनत-रिवाज  औि  शैमलयाुँ  ग्रामीण

               समाज में ही संिक्षक्षत हैं। अनेक सांस्कनतक मूल्यों एवं गुणों
                                                                           ृ



               को शहिी क्षेत्रों तक पहुँचाया जाता है जहाुँ ये शहिी जीवन क े
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               अमभन्न अंग बन जाते हैं। भाित को समझने क े मलए उसक
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               ग्रामों को समझना आवश्यक
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