Page 47 - PowerPoint Presentation
P. 47
े
िि िक्ति का नूिन स्िऱूप
क्जसमें गौरि, गररमा ,िैिि
िौयथ और समादहि 'िक्ति'
नय युग में ,नया ज्ञान हो,
े
े
हो कछ नयी सी 'िििक्ति'।
ु
सिथप्रर्म हो िि-िंिन,
े
क्जसकी मािी पािन ििन
ं
जब िी सोि िि की सोिें,
े
े
े
हो िि-दहि में सबका धिंिन।
े
लकर हम आलंब संविधान का
सम्मान करें ,सबकी पहिान का
मान हमारा , सम्मान िुम्हारा,
े
'िििक्ति' मात्र िब्ि नहीं है
एक िूज का बन सहारा
े
े
यह है आगार अक्षय ज्ञान का।
अच्छा शिक्षा ,उिम ज्ञान,
पर्क बन सबकी पहिान।
े
ृ
आओ शमलकर करें िि क े
े
स्िप्न सार साकार
े
ं
अब ना कहीं कोई ऊि- नीि हो
े
नय समय में नयी 'िििक्ति' को
े
उत्कष्ि िविष्य ही अपनी सोि हो िें नूिन आकार।
ृ
े
हम सबका बस यही ध्यय हो
जन जन को ही इसका श्रय हो।
े
रखा ठाकरान
े
दहंिी प्रितिा