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दिल की बाि








                        प्यार बच्चौं शोर तुम्हारा कानौं तक जब आता र्ा,
                               े
                 और बात न मानो मरी तुम गुस्त्सा मुझको भी चढ़ जाता र्ा।
                                              े
               वही ककताबें वही बातें, कभी-कभी हदल तुम्हारा भी घबराता र्ा,

                    पर खाली कमर और खामोशी कोई नहीं कभी चाहता र्ा,
                                          े
                                         कोई नहीं कभी चाहता र्ा।

                   कछ बातौं की कोई वजह नहीं और कछ होती बवजह नहीं,
                                                                                       े
                                                                        ु
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                                       त्रबगडे बदल जस भी हालात हैं,
                                                            ै
                                                        े
                                                               े
                                                  े
                       सीखो बच्चौं इसस भी तछपी हई इसमें कोई बात है।
                                                                   ु
                         मम्मी पापा और तुम सोचो बैठ कब सब सार् र्े,
                                                                      े
                                            एक र्ाली में खाना कब
                                                           े
                                            मां को गल लगाया कब
                              एक दूज को बोलो, कब तुम इतन पास र्े।
                                                                              े
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                               बडे प्यार से तुमन एक पंछी को पाला र्ा,
                                                         े
                                                                               े
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                        छीन क े उसस खुला आसमा बंद कमर में डाला र्ा।
              पर अब जान गए तुम दद ककसी का यह भी सुदर एक एहसास है,
                                                                                ं
                                                   ा
                                                                                            े
                एक तरफ है सारी खुसशयां, एक तरफ आजादी जजसक पास है।
                  वक्त मुजश्कल है पर कट जाएगा, दद अगर जो बट जाएगा,
                                                                       ा
                               जो है उसकी कद्र करो र्ोडे में ही सब्र करो

                                                                            े
                      क े जग नहीं यह हर्र्यारौं की, जीतोग तुम ही कल को
                             ं
                                         खुद पर तुम ववश्वास करो,

                         खुद को तुम तैयार करो, खुद को तुम तैयार करो।




                                                    आिा शसंह

                                          पी.जी.िी (जीि विज्ञान)






                                                                                                            ै
           उन सिी िीजों को महत्ि को जानो, जो प्रकति हमें प्रिान करिी ह।
                                                                           ृ
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