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"शिक्षा िो है बहि जऱूरी सार् ही सास्कतिक गतिविधधयां िी हो पूरी "
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बच्चौं क े सलए सशक्षा जीवन का महत्वपूणा भाग है । बच्चौं को सशक्षा क े सार्-
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सार् सांस्त्कततक गततववर्धयौं में भाग लना भी बहत जऱूरी है। इसस बच्चौं की
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प्रततभा में तनखार आन क े सार्-सार् वे मानससक ऱूप से भी सुदृढ़ होते हैं उनक े
व्यजक्तत्व ववकास में ये गततववर्धयां बहत सहायक होती है जो ववद्यार्ी को
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पढ़ाई क े सलए उत्साह प्रदान करती है इसक माध्यम से बच्चौं को जीवन में आग े
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बढ़न का मंच प्राप्त होता है बच्चौं में छ ु पी प्रततभाए ववकससत होती हैं उन्हें फलन े
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फ ू लन का सही अवसर समलता है ऐसी गततववर्धयां ववद्यालय क े छार छाराओं
का ववकास में अहम भूसमका तनभाता है हमार ववद्यालय में भी प्रतत वर्ा की भांतत
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इस बार भी पूर वर्ा सांस्त्कततक गततववर्धयां हई जजनमें छार-छाराओं ने बढ़-
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चढ़कर हहस्त्सा सलया उनकी क ु छ झलककयां तनम्न प्रकार है 1.जल बचाओ
असभयान
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2. बटी बचाओ बटी पढ़ाओ
3. Covid-19 क े प्रतत जागऱूकता
4. नारी ऱूशजक्तकरण
5. त्रबहटया हदवस
6.तम्बाक ू व नशा तनर्ेध असभयान
7. स्त्वच्छता असभयान
8 गुरु तेग बहादुर जी जन्मशती
9.स्त्वतंरता हदवस
10.आजादी का महोत्सव
11.गंदगी मुक्त भारत।
12 .एक भारत श्रष्ठ भारत इत्याहद।
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इन गततववर्धयौं क े द्वारा बच्चौं ने अपन समाज व आसपास क े सामाजजक
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समस्त्याओं क े प्रतत जागऱूकता उत्पन्न हए बच्चे बदलते पररवश क े प्रतत सजग
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होकर अपनी सोच व व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लान में सफल हए वह
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समाज में अच्छ नागररक बनान हतु अग्रसर हए ।
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जयमाला ससंह
CULTURAL IN-CHARGE
AASTHA
9 A
A nation’s culture resides in the hearts and in the soul of its
people.