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“फिर मैंने एक बड़ा श्वेत सिंहासन देखा, और उस पर कोई एक विराजमान था।[1]
           पृथ्वी और आकाश उसके सामने से भाग गए, और उनकेलिए कोई स्थान न रह
             गया। [2]मैंने छोटे बड़े सभी मरे हुओं को सिंहासन के सामने खड़े देखा, और
                             पुस्तकें खोली गईं।”

                         “और एक और पुस्तक खोली गई, जो जीवन की पुस्तक है
                         [3]और जैसा उन पुस्तकों में लिखा हुआ था, उसके अनुसार
                          मरे हुओं का न्याय उनके कामों के अनुसार किया गया।”
                 “और समुद्र ने उन मरे हुओं को जो उस में थे दे दिया, और
                मृत्यु और अधोलोक ने उन मरे हुओं को जो उन में थे दे दिया,
                और उन में से हर एक का उनके कामोंके अनुसार न्याय किया
                                गया।”[4]


















































         [1] महान श्वेत सिंहासन का न्याय सभी युग के
          सभी अविश्वासियों का अंतिम निर्णय है।

       [२] प्रेरित यूहन्ना पापसेक्षतिग्रस्त ब्रह्मांड को अस्तित्व से बाहर जाते
        हुए देखता है। यह भी प्रेरित पतरस द्वारा भविष्यद्वाणी की गई है।(II
                        पतरस 3:10-13)
        [3]जीवन की पुस्तक में उन सभी का
         विवरण है जिन्हें छुड़ाया गया है।
        [4] सभी का न्याय उनके विचारों (लूका 8:17), वचन (मत्ती 12:37) और
               कर्मों (मत्ती 16:27) के अनुसार किया जाएगा।                                                                                              “तब मृत्यु और अधोलोक को आग की झील में डाल
                                                                                                                                                      दिया गया। यह दूसरी मृत्यु है, और जिस किसी का नाम
      [5] कोई दूसरा मौका नहीं है। एक व्यक्ति ने अपनी मृत्यु से पहले जो भी फैसले लिए हैं, वही कार्य न्याय के समय परमेश्वर के                           जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न पाया गया, तो उसे
       सिंहासन के सामनेउसके साथ जाएँगे। बाइबल में सबसे दर्दनाक और भयानक सत्यों में से एक यह है कि यदि कोई व्यक्ति                                          आग की झील में डाल दिया गया।” [5]
      मसीह के बिना मर जाते हैं, तो नरक अनंत काल के लिए उनका अंतिम निवास स्थान होगा। सभी युगों के सभी पापी, मनुष्य और
      दुष्टात्माएँ दोनों, हमेशा के लिए आग की झील में डाले जाएँगे। यह मसीही और गैर-मसीही दोनों के समझ में आने के लिए बहुत
      भयानक है, लेकिन हम परमेश्वर के वचन की सच्चाई से जानते हैं कि यह अंत बड़ी संख्या में लोगों की प्रतीक्षा कर रहा है।                                                    प्रकाशितवाक्य 20:11-15
                                                                                                                                                                           प्रकाशितवाक्य 20:11-15
              यीशु ने कहा, “चौड़ा है वह मार्ग जो विनाश की ओर ले जाता है, और बहुत से लोग उस पर जाते हैं।”
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