Page 26 - lokhastakshar
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                                                                                             ू
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               उलटा  कर  रख  पीतल  क  िगलास  को  उठाकर            बस कल ह" जवान हुई हो। फलमती का आदमी
                                                                                         े
                                                                                              ै
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               उसम सुराह" स पानी डालकर अपना मुरझा रहा             लितहड़  #क
म  का  गंजड़"  ह।  दुबला-पतला।
                             े
                                                                                                             े
                                   ै
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               कलेजा  तर  करता  ह  और  #फर  चारपाई  पर            म8रयल सा। दम का मर"ज। ले#कन हरदम गांज
                                                                                ू
                                                                             5
                                                                                       े
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               त#कय  पर  कोहनी  #टका  अधलेटा  होकर  नावल          क7 ?पनक म डबा रहन वाला वृO मां और जो_
                                                                                    े
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                                                                                                             े
                                                     े
               खोलकर  बैठ  जाता  ह।  अनायास  उसक  हाथ             क7 कमाई पर पलन वाला परजीवी। गांजा पीन
                                                                                  े
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                                                                                                    ु
                                                                                                 े
               उसक ?ववेक का कहा न मानकर एक बार #फर                क7 तलब उ होन पर जब कह"ं स कछ हािसल
                                                                                                     े
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                                               Q
               उसी पृx को खोल कर बैठ जात ह। “चट – चट              नह"ं  होता  तो  चोर"  और  उठाईिगर"  स  भी  नह"ं
                         े
                                                                                        े
                                                                                                            ै
               – चट उसक bलाउज क बटन टूट गए और ,,,,,,”             #हचकता।  तीन  बार  जल  भी  जा  चुका  ह।
                                   े
                                                                                                            ै
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               कछ ह" दर पहल पानी पीन क बावजूद उसका                फलमती  क7  सास  बहुत  मुंहफट  और  दबंग  ह।
                                         ै
                                                                                       े
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               हलक  #फर  सूखन  लगता  ह।  शर"र  स  पसीना           बात-बेबात  पर  ग8रयान  वाली।  बात-बेबात  पर
                                                   े
                                   ै
                                                                                     े
                                                                                              ू
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               छटना शु_ हो जाता ह।                                झगड़  पर  उतर  आन  वाली।  फलमती  का  ससुर
                                                                                                      े
                                                                                                   े
                                                                  दस  साल  पहल  बेतहाशा  शराब  पीन  क  कारण
                                                                                े
                                                    े
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                                   5
               चारपाई  क  बगल  म  
टूल  पर  रखा  टबलफन
                         े
                                                                                                   ू
                                                                  चल  बसा  था।  आदमी  क7  नौकर"  फलमती  क7
                                                           े
                                   े
               बहुत मर"-मर" चाल स चल रहा ह। उठ कर उस
                                              ै
                                                                  सास  पा  गई  थी।  फलमती  का  bयाह  दस  साल
                                                                                    ू
                               े
                                    ै
                 ु
               फल 
पीड कर दता ह। #फर भी एक नामालूम
                                                                                          े
                                                                            5
                                                                                                े
                                                                                  े
                                                                  क7  उ‚  म  अपन  ससुर  क  रहत  हो  गया  था।
                                 ु
                                         ै
               सी  qयास  और  अकलाहट  ह  #क  बढ़ती  ह"  जा
                                                                               5
                                                                  गवना  बाद  म  हुआ।  सास  बहू  क7  अ2त{य था
                     ै
                                        ै
                             ै
               रह"  ह।  यह  कसी  qयास  ह  ?  समझ  नह"ं  आ
                                                                            ै
                                                                  समझती  ह।  इसिलए  फलमती  क7  9जंदगी  म
                                                                                        ू
                                                                                                             5
               रहा। बस यह" इSछा हो रह" ह #क वह कछ तोड़
                                          ै
                                                    ु
                                                                                                   े
                                                                              े
                                                                                     े
                                                                                                      े
                                                                  दखल नह"ं  दती। उस मनचाहा करन  स रोकती
                   े
                                      े
               डाल,  तहस-नहस  कर  द।  चकनाचूर  कर  डाले।
                                                                       ै
                                                                                       ै
                                                                                             ू
                                                                  नह"ं ह वह तो चाहती ह #क फलमती #कसी तरह
               “बाबू जी..... बाबू जी.... तिनक फट#कया खोलो।“
                                                                                                       ू
                                                                  गभ वती  हो  और  उसक7  वंशबेल  चले।  फलमती
                                     े
                                 े
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                                                े
               उस  लगता  ह  जैस  उस  कोई  उसक  अ2दर  स
                                                                  डट कर मेहनत करती ह और पूर ठसक क साथ
                                                                                               े
                                                                                                        े
                                                                                       ै
                                                    े
               पुकार  रहा  हो।  वह  अपन  भीतर  झांकन  लगता
                                       े
                                                                                       े
                                                                                ै
                                                                  जीवन  जीती  ह।  अपन  आदमी  को  वह  #कसी
                 ै
                                                           े
                                     े
               ह। इस बार जोर-जोर स मेन गेट भड़भडाए जान
                                                                                                    े
                                                                  िगनती म नह"ं रखती। एक बार उसन गांज क7
                                                                          5
                                                                                                         े
               स अपन आपम लौटdा ह। उठ कर मेन गेट क7
                       े
                             5
                                      ै
                 े
                                                                                  ू
                                                                                           े
                                                                                े
                                                                         े
                                                                  तलब  क  चलत  फलमती  क  पांव  का  चांद"  का
                                          े
                                            ू
                             े
                                                          ै
                                  ै
               9खड़क7 खोल दता ह। सामन फलमती खड़" ह।
                                                                                                 े
                                                                  एक छUला बेच डाला। पता लगन पर फलमती
                                                                                                       ू
                            ु
                     े
                  े
               उस  दखकर  कछ  दर  तक  अचकचाया  सा  खड़ा
                                 े
                                                                                                    े
                                                                                                ू
                                                                                                         े
                                                                                           े
                                                                                    े
                                                                                 े
                                                                   े
                                                                  न  सार"  मोहUल  क  सामन  झाड  स  उस  धुड़
                                      े
                      ै
                                                           े
               रहता ह वह। #फर गेट स एक ओर हट कर उस
                                                                             ू
                                                                                                        े
                                                                                     े
                                                                  डाला था। फलमती क अ2दर आ जान क बाद
                                                                                                     े
                                                    ू
               अ2दर  आन  क  िलए  रा
ता  दता  ह।  फलमती।
                          े
                                                ै
                             े
                                           े
                                                                                                        ै
                                                                  वह आकर अपनी चारपाई पर बैठ जाता ह और
                                 े
               सांवली ले#कन तीख नयन न,श, गठे हुए बदन
                                                                  नावल को पढ़न क िलए उठा लेता ह। पर पढ़
                                                                                े
                                                                                   े
                                                                                                    ै
                                          े
                                                           े
                            े
               और  दर6यान  कद  क7  उसक  घर  काम  करन
                                                                                     ू
                                                                                                             े
                                                                                   5
                                                                  नह"ं  पाता।  घर  म  फलमती  क7  उप9
थित  उस
                                        े
                                   े
               वाली मेहतरानी। अपन खुल शोख़ ?बंदास 
वभाव
                                                                                                  5
                                                                  असहज  कर  रह"  ह।  म9
त;क  म  जबरद
ती
                                                                                    ै
                            े
                 े
               क िलए मोहल भर म बदनाम। शर"र क7 गठन
                                   5
                                                                                                             े
                                                                          5
                                                                  नावल  म  व9ण त  अ™ील  वृतांत  घुसपैठ  मचान
                 े
                                                           े
                                                      ै
               स उ‚ का अ2दाज नह"ं लगता। लगता ह जैस
               मई – जुलाई                             26                                                                   लोक ह
ता र
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