Page 29 - lokhastakshar
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                                                           े
               दोन- सांवल 
तन- क7 अrय  गेलाइयां bलाउज स           “वो तलब लेय खाितर परमट िमिनसपUट" दPतर
                          े
               बाहर झांकन लगीं।                                   गई आंय,,,, अ6मा जी अऊर बाक7 सब तो जानौ
                                                                               Q
                                                                  घर मा नाह"ं ह ?”
                                5
                   े
               उसक म9
त;क म नावल क7 पं?^यां सुलग उठlं
                                े
                                          े
                                                                                          े
                                                                                                            ै
               ,,,,, चट चट उसक bलाउज स बटन,,,,                    फलमती  यह  सवाल  पहल  भी  कर  चुक7  ह।
                                                                   ू
                                                                                                             े
                                                                                              े
                                                                                                 े
                                                                  ले#कन  पूर"  तरह  आZ
त  होन  क  िलए  उसन
                                         े
                    ू
                                                        ै
               वह फलमती को एकटक ताक चला जा रहा ह।
                                                                  चार-  ओर  सतक  ढग  स  }?yपात  #कया।  #फर
                                                                                         े
                                                                                    ं

                                                                                              े
                                                                                                      े
                               5
               उसक7  िशराओं  म  दौड़  रहा  र^्  Gवालामुखी  क       उसक7 ओर मादक म#दर ने<- स िनहारन लगी।
                                                          े
                                      ै
                   े
                      5
               लाव म बदलता जा रहा ह।
                                                                                                 े
                                                                                     े
                                                                  उफ  !  य  #हरनी  स  काजल  पग  मादक  }ग
                                                                           े
                                                                                                       े
                                                                                             े
                                                                                                             े
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               तप  हुए  फश   स  िमनट-  म  सारा  पानी  सोख         युगल! गोल गदराया सांवला चहरा। तीर क आध
                                 े
                                                       ै
               िलया ले#कन फश  स अब भी भाप उठ रह" ह।               फाल  सी  तीखी  नािसका।  मन  कराह  उठा  –
                                                                                                    े
                                                                                                             े
                                                                                                       े
                                                                                             ै
                                                                  भगवान  भी  गजब  म
करा  ह।  कौ{व  क  पUल
               “बाबूजी, तिनक और पानी डारो,,,,”
                                                                  मोरनी  को  बांध  दता  ह।  उसन  फलमती  को
                                                                                                   ू
                                                                                                े
                                                                                         ै
                                                                                    े
                                                                                                   5
                                                                                 े
                                                                              े
                                                 ू
                            े
               इस बार उसन बाUट" भर कर पानी फलमती क7               आZ
त करन क िलए कहा - “तु6ह बताया तो
                                                                   ै
                                                                                              े
                                                                                         ै
                                                                                  5
               ओर  यूं  उछाला  #क  पानी  क  कछ  छlंट  उसक7        ह #क मां, भोग म गई ह। ठेकदार िसंगारा िसंह
                                             ु
                                         े
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                                                                                              ै
                                                                   े
                          े
               साड़" िभगोत हुए                                     क यहां अख—ड पाठ का भोग ह आज। ”
                                                                             ू
                                                                   ू
               उसक7  नािभ  तक  पहुंच  गए।  बाक7  का  पानी         फलमती झाड़ अिभसार आतुर नाियका क7 तरह
                                                                                                     े
                                                                      े
                                                                                              े
                                                                                                 े
                                                                                                         े
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                                                        ै
               उसक महावर लग पैर- को धोकर फश  पर फल                उसक िनकट आ खड़" हुई। उसक दह स पक हुए
                                                                                               ै
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               गया।  #दल  म  घबराहट  क  साथ  धुकपुक7  भी          नमुआ क7 सी महक आ रह" ह। इस बारा भर
                                                                                        े
                               े
               होनी लगी। सोचन लगा।                                नज़र  चूडांत  तक  उस  िनहारा।  स?प णी  सी
                                                                                                  े
                                                                                       े
                                                                  लहराती मदन मिथत दह। क#ट *दश जल भंवर
                                                    े
                                                          े
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                              े
               9जस  आशय  क  साथ  उसन  पानी  क  छlंट
                                                                                               5
                                                                                                  ू
                                                                                                       े
                                                                                   े
                                                                                                     े
                                                                          े
                                                                  सा।  जैस ह"  उसन  इस  भंवर  म डबन  क  िलए
               फलमती  क7  साड़"  पर  डाल  ह,  उस  उसन              फलमती को बांह- म कसना चाहा, उसन मु
करा
                 ू
                                                           े
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                                                                                    5
                                                                   ू
                                                                                                      े
               
वीकार #कया ह या नह"ं ?                            कर मेन गेट क7 खुली हुई 9खड़क7 क7 ओर स
                              ै
                                                                                                             े
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               फलमती  न  मु
करा  कर  उसक7  ओर  मदभर"              इशारा #कया।
                 ू
                                                 5
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               नजर- स दखा। फलमती क7 आंख- म उतर आए
                                                                                                     े
                                                                  उसक शर"र का र^ Rांसफाम र म भर तेल क7
                                                                      े
                                                                                                 5
                            े
               लाल सुख  डोर उसक अ2दर लहक गई लपट- क7               तरह खोल रहा ह। सांस- क7 धtकनी आरोह पर
                                 े
                                                                                 ै
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               चुगली कर रह ह। उसका साहस मुखर हो उठा।
                                                                                           े
                                                                             ै
                                                                  जा पहुंची ह। वह शीœता स मेन गेट क7 खुली
                                                                                    े
                                                                                  े
               “तु6हार" सास ,य- नह"ं आई आज ?”                     9खड़क7 ब2द करन क िलए गेट क7 ओर लपका।
                                                                  गेट पर पहुंचत ह" उस पर गाज सी िगर"। चहरा
                                                                               े
                                                                                                          े
                                                                  Pयूज बUब क7 नाई फक हो गया।
               मई – जुलाई                             29                                                                   लोक ह
ता र
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