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भोग




                       सांय-सांय करती दोपहर" क7 तपन उdरोdर बढ़ती जा रह" ह। आंगन म खड़ पेड़- क7 परछाई
                                                                                         5
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                                                                                             े
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               सहमी हुई सी पेड़- म ह" दुबक7 हुई ह। घर म वह अकला ह – िनता2त अकला। सून घर म स2नाटा भूत
                                                                                      े
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                                                                                                        े
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               क7 तरह डोल रहा ह। उसक7 मां छोट भाई-बहन- का साथ लेकर मोहUल म ठेकदार िशंगारा िसंह क यहां
                                                                                   5
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               अख—ड पाठ क भोग म गई हुई ह। गम| क7 छ#टटय- क कारण कॉलेज बंद ह। अिधकांश दो
त भी शहर
                                                   5
               म नह"ं ह। छ#टटयां ?बतान 8रƒतेदार" म दूसर शहर- म गए हुए ह। उसका निनहाल इसी शहर म ह। हर
                                        े
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               साल खड़" गम| म सजा अपन शहर म ह" काटनी पड़ती ह उसे। आंगन म धूल भर अंधड़ का झ-का
                                                         े
                                                                                     े
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               बव—डर बनकर उतर आया ह। मेन गेट खट स खुल गया। सूख धूसर पd, मैल- जूठे कागज और अखबार
                                         ै
                                                                       े
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               क टुकड़ आंगन क बीच--बीच बाल खोल भूतनी क7 तरह नाचन लगे। सहमेपन स इस भूतनी का नाचना
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               दखता ह वह। नाच जब बंद हो जाता ह और बव—डर उड़ कर कह"ं ओर चला जाता ह तो मेन गेट बंद
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                                                                                             ै
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               करन क िलए उठना चाहता ह पर ऊब और आलस क कारण उसका शर"र साथ नह"ं दता। चारपाई पर
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                                                                                  े
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                               ै
               ह" पसरा रहता ह। ऊब स उबरन क िलए एक बार #फर स ए,सचज करक लाया उप2यास उठा लेता ह।
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                                                    ै
               }?y अचानक एक पृx पर #ठठक जाती ह –
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                                                                               ै
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               “चट – चट – चट ,,,,,,,, उसक bलाउज क बटन             पस2द करता ह। इस बार इनम स #कसी लेखक
                                                                                                 े
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               तड़तड़ा कर टूट गए और उसक उरोज,,,,,,,” एक             का नावल नह"ं िमला तो हुरना कानपुर" का यह
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               ह" सांस म वह पूरा पृx पढ़ जाता ह।                   नावल उठा लाया ह।
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                                                                          5

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               “और  उसक  उरोज,,,,,,,,,”  य  तीन  शbद  उसक         नावल म मद और औरत क 9ज
मानी 8रƒत क7
               र^ म सनसनी सी भर दत ह। बाहर चल रह"                 खूब  खुली  चचा   ह।  9जसक7  वजह  स  नावल
                                                                                   ै
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               लू उसक र^ म बहन लगती ह।                            उसक  शर"र  म  अराजकता  पैदा  कर  रहा  ह।
                                                                         े
                                                                  नावल क कवरपेज पर एक अध नuन अंेज मेम
                                                 े
               यह नावल वह सीसाभाऊ बाजार क7 रलव लाइन
                                                     े
                                                                                                े
                                                                  का रगीन िच< अं#कत ह। मेम क अध नuन व
                                                                                        ै
                                                                      ं
                                   े
                                                           े
                                        े
               क7  ढाल  पर  बैठन  वाल  बUलू  कबाड़"  स
                                                                                      े
                                                                  bलाउज  क7  सीमा  रखा  का  अित)मण  कर
                                    ै
                            े
               ए,सचज करक लाया ह। बUलू कबाड़" चार आन
                     5
                                                           े
                                                                                          े
                                                                           े
                                                                                            Q
                                                                                                  े
                                                                  bलाउज  स  बाहर  झांक  रह  ह।  इस  यह  #कताब
                                                          ै
                                                    े
               लेकर  हर  तरह  क7  #कताब  बदल  दता  ह।
                                                                                                े
                                                                  नह"ं लानी चा#हए थी। ?पताजी क हाथ पड़ गई
               सीसाभाऊ  बाजार  बुधवार,  शु)वार  ओर  र?ववार
                                                                              े
                                                                  तो चमड़" उधड़ कर रख दगे। उ2ह तो यह भी
                                                                                                  5
                                                                                          5
               को लगता ह। उस #दन खूब भीड़ होती ह बUलू
                           ै
                                                     ै
                                                                                                      5
                                                                  पता  नह"ं  #क  यह  कोस   क7  #कताब-  म  नावल
                     ु
               क7  फटपाथ  पर  सजी  दुकान  पर।  वह  गुलशन
                                                                  छपा कर पढ़ता ह। वह तो उस और उसक सब
                                                                                              े
                                                                   ु
                                                                                                        े
                                                                                  ै
                                             े
                         ु
               न2दा,  कशवाहा  का2त,  qयारलाल  आवारा,
                                                                                    े
                                                                  भाई-बहन-  को  अपन  साथ  बैठा  कर  सुबह-शाम
                                          े
               आ#दल  रशीद,  सोमनाथ  अकला,  *ेम  वाजपेयी,
                                                                                                       5
                                                                                             े
                                                                                                         े
                                                                                               Q
                                                                  गाय<ी म2< का जाप करवात ह। घर म र#डयो
                                       े
                              े
               गो?बंद िसंह जैस लेखक- क नावल पढ़ना अिधक
                                                                      ै
                                                                              े
                                                                                                        5
                                                                  तो ह पर उस ?पताजी अपनी अलमार" म ब2द
               मई – जुलाई                             24                                                                   लोक ह
ता र
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