Page 28 - lokhastakshar
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                                                                                                            ै
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                                                                                            5
                               ै
               भटक  जा  रहा  ह।  कभी  वह  नावल  क  कवरपृx         ह।  धूल  उसक  म9
त;क  म  भी  उड़  रह"  ह।
                                                       े
               पर  बनी  अध नuन  त
वीर  को  एकदम  दखन              #दमाग म दो
त- क साथ कॉलेज स घर लौटत
                                                                          5
                                                                                                             े
                                                                                   े
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               लगता ह, कभी उप2यास क उसी पृx को खोल                हुए लड़#कय- क बार म क7 गई बात और फस त
                                                                                                             5
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                                                                              े
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               कर पढ़ना शु_ कर दता ह। #फर भटक कर मन                म  एका2त  क   ण-  म  सुना  गए  अ™ील  बात
                                                                                        े
                                                                                          Q
                                                        ु
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                                                                            े
                                                                          ु
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               फलमती क7 बड़" सी चमकती हुई लाल #टकली                और चुटकल घूमन लगत ह,,,,,
               और  मांग  म  भर  िस2दूर  म  खो  जाता  ह।  तो
                                                      ै
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                                                                  #फर  यह  धूल  एक  नाचता  हुआ  बव—डर  बन
                                                           े
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               कभी फलमती क पित क दम क मर"ज होन स
                                                                        ै
                                                                                             ू
                                                                                                             े
                                                                                    5
                                                                  जाती ह और बाद म बव—डर फलमती का _प ल
                                ै
               {यिथत हो उठता ह। बेचार"।
                                                                        ै
                                                                  लेता ह।
               “का पढ़त हो बाबूजी ?”
                                                                                           े
                                                                                             ं
                                                                  “बाबू जी, तिनक पानी डार दऊ।”
                                                           े
                 ू
               फलमती  क7  आवाज  वह  चtक  उठा।  ?पछल
                                                                                                     े
                                                                  वह  नाक  _माल  हटा  पलट  कर  दखता  ह।
                                                                                                            ै
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               आंगन का काम िनपटा कर फलमती कब बाहर
                                                                                           ू
                                                                                      5
                                                                   ू
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                                                                            े
                                                                  फलमती  न  आंगन  म  झाड़  लगाकर  सारा  कड़ा
               आ गई पता नह"ं चला।
                                                                                     े
                                                                  बांस क7 टोकर" म सहल िलया ह।
                                                                                  5
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               फलमती उसक हाथ म पकड़" #कताब क मु य
                                                                                  5
                                                                  उठ कर आंगन म लग नल क पास रखी बालट"
                                                                                      े
                                                                                             े
                                े
               पृx  को  एकदक  दख  जा  रह"  ह।  वह  झप  कर
                                                     5
                                  े
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                                                                                 े
                                                                                                       े
                                                                                      े
                                                                  उठा  कर  नल  क  नीच  रख  नल  खोल  दता  ह।
                                                           े
               जUद"  स  #कताब  को  बंद  कर  त#कय  क  नीच
                                                     े
                                                  े
                       े
                                                                            ू
                                                                  इस बीच फलमती अपनी साड़" को मदo क7 तरह
                     े
               रख दता ह।
                         ै
                                                                         े
                                                                      े
                                                                  घुटन  स  जरा  ऊपर  लाग  लगाकर  अपनी  कमर
                 ू
                                                           5
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               फलमती  मु
करा  उठती  ह।  उसक7  आंख-  म             पर कस लेती ह। उसक7 हUक-हUक रोएदार दोन-
                                                                                            े
                                                                                           े
                                                                                                   े
                                                                                                            ै
               शरारत क7 शोख िततिलयां नाचन लगती ह।                 टांग- को वह चोर नजर- स िनहारन लगता ह।
                                                     Q
                                             े
                                                                                               े
                                                                         े
                                                                                                             े
                                                                                                        ै
                                                                  šदय स मीठl-मीठl आंच लहकन लगती ह। जैस
                        े
               वह  उसक  चहर  क7  ओर  ताकता  ह।  Xम  स
                                                 ै
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                              े
                                                           े
                                                                        5
                                                                                                5
                                                                                 े
                                                                  गांव म गुड़ बनत व^् कड़ाहब म रस खदबदाता
                                        े
                                 े
               उFप2न  Zेद  उसक  सांवल  मुखम—डल  पर  यूं
                                                                  ह।
                                                                   ै
               9झलिमला  रहा  ह  जैस  चांदनी  रात  म
                                                           5
                                  ै
                                        े
                                                                                                        े
                                                                                            े
                                                                                        े
               9झलिमलात िसतार।                                    बालट" भर गई तो उसन जैस ह" आंगन क फश
                         े
                                े
                                                                                                             े
                                                                                         े
                                                                                                    े
                                                                                     े
                                                                  पर पानी डाला, लू स तप हुए सीमे2टड फश  स
               फलमती  अपनी  पुरानी  सूती  क7  साड़"  कमर  म
                                                           5
                 ू
                                                                           े
                                                                  भाप उठन लगे।
                                     ू
                                               े
                                            े
                                                    े
                                 5
               ख-स कर आंगन म झाड़ लगान स पहल कहती
                                                                                                            े
                 ै
                                                                                                  े
                                                 े
               ह,  “बाबू  जी,  तिनक  चहरा  घुमाय  क  मुंह  तोप    उस यूं लगा जैस यह भाव फश  स नह"ं उसक
                                              े
                                     े
                                                                     े
                                                                                 े
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                                                                                  ै
                                                                     े
               लो। झा› लगाय स गदा  उ#ड़ह।”                         सीन स उठ रह" ह।
               वह  चारपाई  क7  दूसर"  प€ट"  पर  मुंह  घुमा  कर    फश   पर  झुक  कर  फलमती  झा›  लगान  लगी।
                                                                                                       े
                                                                                     ू
                                                          ै
                           ै
                                                                                े
                                                                          े
                                                                                                       े
                                                                                                            े
                                                                                      े
               बैठ  जाता  ह  और  _माल  नाक  ढक  लेता  ह।          झुकाव क चलत उसक लोकट bलाउज स उसक
                                                    े
                 ू
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                                          ै
               फलमती झाड़ लगान लगती ह। धूल उड़न लगती
               मई – जुलाई                             28                                                                   लोक ह
ता र
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