Page 5 - lokhastakshar
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स6पादक7य
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एक बार #फर स
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तुक] क महान शायर ना9जम #हकमत क7 पं?^य- कभी कद नह"ं पड़"। दु;यंत क7 आवाज़ आज भी
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स ह" अपनी बात शु_ करना चाहता हूँ। सdाधीश- मठाधीश- क ?वeO गूंजती ह। एक
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लेखक म अपन दश को अपन समाज को दुःख,
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सबस सु2दर सागर
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अ2याय और िमgयावाद स मु^ करन क7 तीh
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9जस अभी तक #कसी न तैर कर पार नह"ं #कया।
आकां ा होती ह। यह काय भार सा#हFयकार- पर
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सबस सुंदर बSचा
होता ह #क वह हर #क
म क7 दासता स दश को
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अभी तक पैदा ह" नह"ं हुआ
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न कवल मु^ करवाए ब9Uक आन वाली नसल क
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सबस सुंदर #दन
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िलए गव करन लायक व^ खड़ा कर द। अब
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अभी हमन दखन ह
बहुत स लोग आपको यह कहत िमल5ग #क तु6हार
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सबस सु2दर शbद कहन ह
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अकल क #कय ,या होगा ? सारा ढांचा ह" सड़
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जो अभी तक कह नह"ं गए।
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गल गया ह। तब मQ उन दो
त- स कहना चाहता
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जब जब मQ कारण और अकारण बैठा रहा, दर
हूँ ,या आपक7 उ6मीद को भी इस िस
टम क7
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तक सोया रहा, या नाकामी न मुझ खामोश #कया
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द"मक चाट गई ह। थोड़ा अकल म बैठो खुद स
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ना9जम #हकमत क7 इन पं?^य- न मुझ उठाया
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बात करो और अगर आपका उdर हाँ ह तो
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जैस कोई बांह पकड़ उठाता ह और कान- म कहा
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आपको सचमुच ह" यह कहन का कोई अिधकार
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सबस सुंदर #दन अभी हमन दखना ह।
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नह"ं ह #क दश म यह बुरा ह, यह खराब ह। दश
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मQ सोचता हूँ , सा#हFय हम म बू
टर डोज़ का अगर सड़-गल गया तो जाइय आप अपनी र"ढ़ क7
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काम करता ह। इसीिलए शायर, क?व बुर स बुर हjड" का इलाज़ करवाइए। लड़न क िलए पहल
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दौर म भी वह सपन दखता ह। वह फज़ ह- या खड़ा होना जeर" ह। माना आप )ांित नह"ं ला
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ना9जम #हकमत राम धार" िसंह #दनकर ह- या सकत मगर )ांित क िलए ज़मीन तो तैयार कर
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दु;यंत कमार। सबन अपन बुर #दन- स हार सकत ह। आन वाली न
ल आपको कायर न कह
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इसीिलए नह"ं मानी #क उनक पास सपना था। ऐसा तो कर ह" सकत ह| दखो सबस सुंदर सागर
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सपना था एक नयी सुबह का, सपना था सबस अभी तक #कसी न तैर कर पार नह"ं #कया तुम
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सुंदर #दन- का। इसीिलए उनक7 क?वताओं क7 धार *यास तो कर सकत हो।
मई – जुलाई 5 लोक ह
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