Page 7 - lokhastakshar
P. 7
े
े
े
#कलोमीटर क7 ?ववश और ?वकट पैदल या<ा करत #फर स शbद पढ़ कर आप चtक ह-ग। इसका
े
े
े
े
हुए। मानवीय संवेदना को लुटत और बनत भी खुलासा मQ कर दता हूँ। व
तुत: जब यह ?वचार
े
े
े
े
दखा। आज पूर दश म को?वड न हाहाकार मचा आया #क सा#ह9Fयक प?<का िनकाली जाय तो
5
े
े
ै
े
े
Q
रखा ह, हर तरफ स अशुभ समाचार िमलत ह। मुझ अपनी प?<का ह
ता र याद आ गई 9जसको
े
े
े
े
े
दश क बहुत स सा#हFयकार, लेखक सा#हFय क7 मQ 1998 स 2003 तक ब#ठंडा पंजाब स िनकाला।
ं
5
े
े
े
े
Q
दुिनया क7 ?वदा कह चुक ह। ऐस म छटपटाहट और उस समय पंजाब स िनकलन वाली #हद"
का बढ़ जाना
वाभा?वक ह। #हद" सा#हFय क प?<काए बहुत कम थी। ले#कन ह
ता र उFकy
े
ै
ृ
ं
ं
े
े
5
े
तमाम सा#हFयकार जो दुभा uय स असमय म ह" काम क िलए जानी जान लगी थी।
े
हमारा साथ छोड़कर चल गए। ह
ता र प8रवार
े
#क2ह" िनजी कारण- स इस प?<का को पांच साल
क7 तरफ स मQ उनको XOांजली अ?प त करता हूं।
े
बाद बंद करना पड़ा।
े
े
शायद यह" छटपटाहट थी 9जसन मुझ प?<का
े
े
ह
ता र #फर *ार6भ करन का ?वचार #दया। कई िन9zत हुआ #क उसी प?<का को आग बढाया
े
5
े
े
ु
े
े
े
Q
*s प5डलम स डोलत ह। इस दु?वधा भर क#ठन जाय। हाँ हमन इसक नाम म थोड़ा प8रवत न
ै
े
ै
े
समय म हमार साथ कछ हो न हो क?वतायv जeर #कया ह। ह
ता र स लोक ह
ता र कर #दया ह।
ु
5
े
े
े
ह-गी। मेर" यह" ऊहा-पोह ,दु?वधा, संशय और *s को?वड क चलत प?<का को वेब प?<का बनान पर
5
े
े
व8रx क?व नरश स,सेना अपनी क?वता म करत ह" सहमती बनी और काम भी शु_ हो गया।
े
ु
े
े
Q
ह :- पुरान ह
ता र क कछ अंक हम कोलाज़ क _प
े
े
Q
ु
5
म *
तुत कर रह ह। और इसी तरह स कछ
े
Q
े
जैस िच#ड़य- क7 उड़ान म शािमल होत ह पेड़
5
महFवपूण लेखको, क?वय- क आलेख, कहािनय- व ्
े
े
Q
5
े
,या क?वतायv ह-गी मुसीबत म हमार साथ ? क?वताओं क अंश भी *
तुत कर रह ह।
े
े
े
मQ इसका उdर
वयं यह" दता हूँ: ‘हाँ’ Xी सुरश बन वाल जी , Xी जगपाल िसंह, Xीमती
े
े
मीना ी चौधर" क महFवपूण योगदान क ?बना
ै
ै
सच ह तो यह" ह #क क?वतायv आपका कभी साथ
यह काय संभव न था। इसक अितर^ ?वशेष
े
नह"ं छोड़ती।
आभार लेखक दो
त- का 9जनस जो सहयोग माँगा
े
े
जब सा#ह9Fयक प?<का िनकालन क7 बात दो
त- िमला। सबका आभार {य^ करता हूँ। अठारह
5
े
े
ू
े
स बात हुई तो उ2ह-न ?वचार को #)या म बदल साल पहल या<ा म जो काम छट गया था वह" स
े
5
m
#दया। #फर शुeआत ह|
ै
मई – जुलाई 7 लोक ह
ता र