Page 12 - lokhastakshar
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                                                         े
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               इतनी  समझदार  नह"  थी  ले#कन  धीर-धीर  मQ        हु…।  हालां#क  दुिनया  म  और  भी  कई  लेखक-
                                                                                               े
                                                                        ं
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               जानन लगी #क यह ,या था। वह  तो बस मदद             ले9खकाए ऐसी  रह"ं 9ज2ह-न  अपन जीवन म  दर"
                                                                                                         5
                                                                                         े
                                                                                                           े
                                                                  े
               करती थी, सबका अSछा करती थी ले#कन #फर भी          स  िलखना  शु_  #कया  और  अपना  एक  
थान
                                                                                   ै
               उसक7  बदनामी  ह"  होती  थी।  उस  ~ी  पर  जहर     बनाया। मेरा सवाल ह #क तीन बे#टय- क7 मां और
                                                                                                       े
                                                                              े
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                                                                                                   े
               दन का, हFया करन का इUजाम था और पूरा गांव         एक  गृ#हणी  क  उdरदाियFव  िनभान  क  साथ
                  े
                                                  े
               उस  अपराधी  मानता  था  ले#कन  मQन  ऐसा  कभी      िलखन का अनुभव कसा था? आप सारा #दन क7
                                                                                   ै
                                                                      े
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                                                            5
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                                                                           े
                                                                                         े
               नह"ं माना और ऐसा भी नह"ं ह #क मQ इस उ‚ म         आपाधापी  क खFम होन क बाद  िलखती थी,  या
                                                                                                े
                                                 े
                                                                                    े
                                                                                              ै
               प8रप,व  होकर  उसको  िनद„ष  मानन  लगी  हूं,  मQ   सुबह जUद" उठकर? य *बंधन कस #कया?
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                 ु
                                े
               छटपन  स  ह"  उस  िनद„ष  मानती  थी।  मेरा  मन
                                                                मै<यी  –  देखी  मीना ी,  घर  संभालने  के   िलए
                                            े
               मानता  ह"  नह"ं  था  #क  उ2ह-न  ऐसा  #कया  होगा,
                                                                िलखन  क  िलए  कोई  *बंधन  नह"ं  हुआ  करता।
                                                                      े
                                                                         े
               ,य-#क उनक7 *कित ऐसी थी ह" नह"ं। जब तक
                                ृ
                                                                                   े
                                                                                                     ं
                                                                कलाओं  क  िलए  जैस  िलखना  हुआ,  प5#टग  करना
                                                                         े
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                                                            े
               उनक साथ कोई अFयाचार नह"ं हुआ होगा, उ2ह-न
                                                                                       े
                                                                                          Q
                                                                                                        े
                                                                हुआ,  हम  संगीत  सीखत  ह  तब  अंदर  स  एक
                      ं
                                                     े
               कोई #हसक कदम नह"ं उठाया होगा। मQन तब भी
                                                                               ै
                                                                                                         े
                                                                                                            Q
                                                                आवाज़  आती  ह  #क  हां  हम  यह  कर  सकत  ह।
                                                      े
                                        े
               नह"ं  माना  और  #फर  मQन  अपनी  सबस  पहली
                                                                    े
                                                                उसक  िलए  *बंधन  क7  ज_रत  नह"ं  पड़ती।
               कहानी  उसी  ~ी  पर  िलखी  और  मQन  डर-डर  कर
                                                 े
                                                                                                Q
                                                                प8र9
थितयां  ज_र  ऐसी  होती  ह  जो  eकावट
                           े
                                             ं
                  े
                                                      5
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               बड़ संकोच क साथ साा#हक #हदु
तान म छपन
                                                                                              Q
                                                                        Q
                                                                                                             Q
                                                                डालती ह, {यवधान पैदा करती ह, रोक सकती ह
                 े
               क िलए भेज द" और वह कहानी छप भी गई। तब
                                                                                             े
                                                                             े
                                                                                                        ै
                                                                पर अंतम न स जो जोश और चतना आती ह, वह"
                                         ं
                   े
                                                   ं
               मुझ लगा #क मQ अगर िलखू और बताऊ #क ,या
                                                                इन  बंधन- को अलग करती ह और हम eकावट-
                                                                                            ै
               हुआ  ओर  ,या  हो  जाता  ह,  अगर  मQ  इसक7
                                           ै
                                                                            े
                                                                                    Q
                                                                                 े
                                                                                                             Q
                                                                स आग बढ़त जात ह। बहुत सी 9~यां कहती ह
                                                                       े
                                                                  े
                                           े
                                    े
                          ं
               {या या क_, जनता क सामन रखू तो शायद यह
                                               ं
                                                                        5
                                                                #क  उ2ह  बहुत  संघष   करना  पड़ा,  लड़ाई  लड़नी
               कहानी  नह"ं  ब9Uक  एक  ~ी  क7  <ासद"  क7
                                                                        े
                                                                               5
                                                                पड़"। मेर घर म भी बहुत ?वरोध हुआ। ऐसा नह"ं
               िशना त  बनेगी।  खैर  यह  कहानी  छप  गई  और
                                                                                   े
                                                                ह #क मQ यह सब बड़ आराम स कर पाई, आराम
                                                                                             े
                                                                 ै
               साा#हक  #हदु
तान  म  उस  कहानी  क  साथ  एक
                           ं
                                                  े
                                    5
                                                                  े
                                                                                   े
                                                                स  िनकल  पाई।  मेर  पित  का  उdरदाियFव  था।
                  े
               पूर पेज पर एक ~ी का िच< छपा था और मQ उस
                                                                             े
                                                                हालां#क मां न तो कभी #कसी चीज पर रोक नह"ं
                                  े
                         ू
                           ू
               िच< को छ-छ कर दखा करती थी। मQ उस कहानी
                                                                                    े
                                                                                                        े
                                                                लगाई, वह बहुत दूसर 
वभाव क7 थीं, 9जस आज
                            े
                 े
               स उस िच< स, इतना जुड़ गई थी।
                                                                क7 भाषा म आप जाग_क कह सकती ह। ले#कन
                                                                           5
                                                                                                     Q
                                                                                  े
               मीना ी : आपने बहुत देर" से िलखना शु_ #कया।       पित  तो  पित  होत  ह,  उनको  अपना  अिधकार
                                                                                     Q
                                               े
                                      ं
                                                                                       े
               आपक7 अिधकतर रचनाए 1994 क बाद *कािशत              चा#हए।  प†ी  को  पित  क  अनुसार  चलना  चा#हए,
               मई – जुलाई                             12                                                                   लोक ह
ता र
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