Page 14 - lokhastakshar
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और बस इस तरह से मेर सभी उप2यास िलखे मीना ी : आपने बुंदेलखंड वIव व>यालय से
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गए। मुझ नह"ं पता था #क आप लोग पढ़ग,
नातकोdर क7 #डी #कस साल म5 ली?
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?बलकल नह"ं मालूम था #क कोई पढ़गा इन
मै<यी : अरे, ये तो कोई भूलने वाली बात नह"ं,
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उप2यास- को। मुझ याद ह जब मQन राजL यादव
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मQने एम.ए. 1964 म5 #कया था। एम.ए. करने क
जी को इG2नुम क7 कोई पांच सौ प2न- क7
पांडिल?प द" तो उ2ह-ने मुझ कहा, मरा तो चमा
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बदल जाएगा और तु6ह ह" बदलवाना होगा।
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तु6हार घर म5 तो डॉ,टर ह। मQने ,या-,या िलख
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#दया ह। बताइए #क इसम कछ ह तो उ2ह-ने कहा
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#क इसम5 बहुत कछ ह ले#कन तु6ह मेहनत करनी
पड़गी तो मQन इसक पीछ सात ाPट कर डाल
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और वह पूरा बना, मुक6मल हुआ या नह"ं ले#कन
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मQने छपने क िलए द #दया और वह छप भी गया।
बस इसी तरह मेर िलखन का िसलिसला चलता
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रहा।
मीना ी : पांच सौ प2न- के उप2यास के ाPट
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छह-सात बार िलखना िन:संदह एक दु_ह और
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चुनौती भरा काम ह। आपको कभी य उबाऊ या
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थकाने वाला नह"ं लगा? यह सब आप कस कर
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बीच ह" मेरा ?ववाह हो गया था और मQ अपन
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मै<यी : तब मQ हाथ से िलखती थी। मQ अभी भी ससुराल चली गई और तु6ह बड़" मजेदार बात
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टाइप बहुत कम करती हूं। अब भी कछ छोटा बताऊ, मुझ उस समय तो मेर पित बड़ अSछ लगे
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िलखना हो तो टाइप कर लेती हूं, ले#कन अगर थ। मQने कहा, मQ वापस नह"ं जाऊगी, मQ मां क
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उप2यास िलखना ह तो हाथ स ह" िलखती हूं घर नह"ं जाऊगी। तो य कहते थ क अपन
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,य-क मर* कलम जो ह, वह मेर मन से जुड़ती ह इ96तहान तो द आओ, उसक बाद आ जाना। मुझे
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तो उसी से चलती ह। टाइ?पंग म5 मुझ ऐसा जुड़ाव अपनी ससुराल म5 बड़ा अSछा लगा ,य-#क जहां मQ
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नह"ं हो पाता। लोग शायद ऐसा कर पाते ह, मQ पढ़ती थी, वहां मेरा जीवन बड़ा बीहड़ था। जहां
नह"ं कर पाती हूं।
मई – जुलाई 14 लोक ह
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