Page 16 - lokhastakshar
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ै
               का जवाब था, हां-हां जानती हूं। तब तो वह बहुत     #द,कत भी होती ह और #फर िसखाया यह जाता
                                                                 ै
                                                                                                  ै
               आवारा थी।                                        ह #क #द,कत हो तो कहना भी नह"ं ह।
                                  े
                                                            े
               बस यह" अनुभव रह, िलखा तब घेर गए, पढ़ रह   हमारे  यहां  मनु
मृित  म5  ~ी  के   िलए  जो  िनयम
                                                े
                                                            े
               आंख का कांटा बने। #फर घेर गए। साधन ह"न थ,        बनाए गए, तो Gयादातर उनको मानने का चलन
                                         े
               #फर भी आगे बढ़ते गए। तो बस यह" कॉलेज क            िनकल पड़ा। ?ववाह म5 बराबर" क7 तो बात थी, वह
                                                            े
                          े
                                    Q
                                                                                                             5
               और पढ़ने क अनुभव ह।                               कह"ं  गुम  हो  गई।  हमारा  सं?वधान  भी  ?ववाह  म
                                                                बराबर" का अिधकार दता ह। तो मेरा मानना यह
                                                                                         ै
                                                                                     े
               मीना ी  :  ?ववाह  समाज  क7  एक  
वीकृ त  और
                                                                 ै
                                                                ह #क ?ववाह सं
था भी बराबर" क अिधकार- का
                                                                                               े
               कानून स6मत सं
था ह, जो पुeष-D ी को समान
                                     ै
                                                                पालन कर, तो भी Gयादा अSछा होगा और तभी
                                                                         े
                         े
                                                           ै
               अिधकार द, घर गृह
थी चलाने  अनुमित दती ह।
                                                       े
                                                                हम बराबर" स चल5गे। एक आYा दगा और दूसरा
                                                                             े
                                                                                                े
                                       े
               ?ववाह  ~ी-पुeष,  दोन-  क  अिधकार-  को  कानूनी
                                                                मानेगी।  यह  चलन  नह"ं  होना  चा#हए।  हां,  सलाह
                            ै
                                े
                                                   े
                        े
               संर ण दता ह। ल#कन अगर मQ आपक #कसी भी
                                                                द" जा सकती ह। वैसे तो हमार धम  ंथ- म कहा
                                                                                                        5
                                                                                            े
                                                                              ै
               उप2यास  को  लूं,  चाक,  इGननुम,  आपक7
                                                                गया ह #क प†ी मं<ी क7 तरह होती ह, सलाह दने
                                                                      ै
                                                                                                  ै
                                                                                                           े
                                                        ै
               आFमकथा,  क
तूर",  उनम5  ऐसा  लगता  ह  #क
                                                                म5 ले#कन कई बार हमने लोग- को अपनी 9~य-
                           े
               ?ववाह ~ी क पैर- क7 वो बेड़" ह जो न खड़ा होन
                                                            े
                                             ै
                                                                                      ै
                                                                को यह कहते भी सुना ह #क तुम ,या कर सकती
                 े
                     ै
               दती  ह  और  न  ह"  बढ़ने।  तो  ,या  ~ी  मु?^  का
                                                                हो, तुमम5 ,या अ,ल ह, तुम चुप रहो। चुप रहो
                                                                                      ै
               रा
ता  ?ववाह  नाम  क7  सं
था  क  खंडन  से  ह"
                                               े
                                                                                         े
                                                                गागO, चुप रहो मै<यी। हमार यहां हमेशा ऐसा ऐसा
                       ै
               स6भव ह?
                                                                                                         ै
                                                                ह"  होता  आया  ह  और  ऐसा  ह"  कहा  गया  ह  #क
                                                                               ै
               मै<यी  :  मेरा  मानना  है  #क  ?ववाह  म5  समान   चुप रह। पर यह चुप रहो वाली बात चलती नह"ं
                                                                 ै
                                                                               े
               अिधकार क7 बात होनी चा#हए। ?ववाह सं
था जो         ह,  #फर  वह  चाह  ?ववाह हो,  समाज  हो,  या  कोई
                            े
               भी  कहती  रह,  उसम5  चाह  जो  भी  वचन  भरवाए     कहानी, आFमकथा या उप2यास। सब का बराबर"
                                       े
                                                       5
               जाएं। #कसी भी वण  म, धम  म, समाज म, #हद"         का दजा  होना ह" चा#हए। सभी को कहने का भी
                                                           ं
                                             5
                                     5
                       ृ
                 5
               म, सं
कत या उदू  म, यह सार वचन एक दूसर           बराबर  अिधकार  होना  चा#हए।  ले#कन  मQ  यह  भी
                                    5
                                                            े
                                             े
                                                                                            े
               का साथ दने क िलए भरवाए या #दलवाए जाते ह।         कहूंगी  #क  इस  अिधकार  क  साथ  
वयं  को
                                                           Q
                         े
                             े
                                                                                                            ै
                                                                                           े
               अब होता ,या ह #क ?ववाह म5 जो मजबूत होता          अनुशािसत  रखने  क7  9ज6मदार"  भी  आती  ह।
                               ै
                                                                                              ै
                                                        े
                                                 ै
               ह, वह अपना पलड़ा भार" कर लेता ह। हमार यहां        ,य- क हम5 कहने का अिधकार ह तो हम बेवजह
                 ै
                                                                     ु
                                               े
                           ै
               Mरवाज  यह  ह   क  लड़क)  दूसर*  क  घर  जाती  ह।   ह"  कछ  भी  िचUला  नह"ं  सकते।  एक  बात  और
                                                           ै
                                                                                 े
                           े
                                                            ै
                        े
               अब  दूसर  क  घर  म5  थोड़"  9झझक  भी  होती  ह,    कहूं, मQ इस बात क बहुत 9खलाफ हूं #क कोई बात
               मई – जुलाई                             16                                                                   लोक ह
ता र
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