Page 18 - lokhastakshar
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ह। आपक7 कहािनय- क कथानक हमार आसपास ह, जहां पुिलस मेर गांव वाल- को घर कर खड़"
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ह" ?बखर पड़ ह। इस संदभ म5 मेरा सवाल ये ह ह। मुझ वह"ं जाना होगा।
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#क सा#हFय ~ी को 2याय और अिधकार #दलान
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जहां तक सवाल सा#हFय स #कतना असर पड़ा का
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म5 #कतना स म हुआ ह?
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ह, तो भल ह" असर थोड़ा हुआ हो, हुआ ह। इस
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मै<यी : अब यह तो पढ़ने वाल- पर िनभ र करता समय म जब लोग पढ़त ह" नह" ह, #कसी न थोड़ा
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ह।“फसला”कहानी को ह" लो। उस कहानी को पढ़ा और थोड़ा सोचा-समझा, इतना ह" काफ7 ह।
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पढ़कर कई 9~यR क मन म आया #क जब कह"ं कछ थोड़ा-बहुत बदल, इसक िलए ज_र" ह
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अ2याय होता ह तो हम उसक 9खलाफ कछ करना #क 9~यां पढ़। शहर" 9~यां तो #फर पढ़ पाती ह,
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चा#हए। कछ बोलना चा#हए। जो हमार" अंतराFमा ामीण 9~यां #कतना पढ़ पाती ह, यह भी एक
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कहती ह, उसक7 आवाज तो सुननी चा#हए। सवाल ह। मुझ याद ह #क एक बार मुझ मेर गांव
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सामा2य तौर पर होता ,या ह, जब हमारा पित, स #कसी म#हला का फोन आया। कहन लगी, हम
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हमारा पु<, हमारा भाई, हमारा ?पता, चाह वह रामकली बोल रह" ह। मQन कहा मुझे बहुत अSछा
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#कतना भी गलत कर आए, हम 9~यां उसी का लगा, तुमन फोन #कया तो वह बोली मQन इसिलए
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प लेती ह। तुमन दखा भी होगा #क बलाFकार, फोन #कया ,य-#क हम अUमा कबूतर" पढ़ रह थ,
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हFया जैस जघ2य अपराध- म िल पुeष- क तो जब गांव क7 औरत अUमा कबूतर" पढ़ रह" ह-
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समथ न म उनक घर क7 9~यां ह" बोलती ह। वह तो मुझ लगता ह #क कछ तो हुआ ह। यहां मQ
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,य- वसुमित क7 तरह खड़" नह"ं हो पाती? सारग एक और अनुभव बताना चाहूंगी #क एक बार मुझ
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क7 तरह अपन लालची पित का ?वरोध ,य- नह"ं पुिलस क एक बड़ उSच अिधकार" का फोन आया
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कर पाती? सारग जो यह वचन दती ह #क मQ तो एकबारगी तो मुझ लगा #क पता नह"ं ,या
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अपन गांव क7 िश ा क7 और सं
कित क7 र ा सम
या हो गई, जो मुझ पुिलस ढूंढ रह" ह। वह
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क_गी और वह हर अ2याय क 9खलाफ खड़" होती मुझ एक पुिलस कॉ2स क िलए बुलाना चाहत
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ह और अपन पित क 9खलाफ भी। थ। उन पुिलस अिधकार" न कांस क मंच स
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कहा #क आज हमार साथ #हद" क7 ले9खका मै<यी
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इGन ् नुम क7 मंदा को ह" लो, जब वह अपन घर
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पु;पा ह 9ज2ह हम साल 2000 स ढूंढ रह थ।
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लौटती ह तो उस लगता ह #क उसका *ेमी उसक
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हमन इनका एक उप2यास अUमा कबूतर" पढ़ा
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पीछ आ रहा ह। बस स उतरत हुए भी उस उसक
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और हमार अ2य सहकम| अिधका8रय- को भी
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*ेमी क7 पदचाप सुनाई पड़ती ह ले#कन वह ठान
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पढ़ाया और इस उप2यास को पढ़न क बाद हमारा
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लेती ह #क अब उस लौटना नह"ं ह। यह मेरा
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कबूतरा जनजाित क िलए नज8रया ह" बदल गया।
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ता नह"ं ह। अब मेरा रा
ता मेर गांव को जाता
मई – जुलाई 18 लोक ह
ता र