Page 11 - lokhastakshar
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               मीना ी  :  दुिनया  म5  अिधकतर  लोग  दूसर-  का    उन  क?वय-  को  सुनना  मुझ  अSछा  लगता  था।
                            Q
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                                                                                      े
                                     े
               िलखा पढ़त ह, कछ ऐस भी ह जो शायद िलखना             हालां#क  मेर  साथ  पढ़न  वाली  लड़#कय-  को  यह
                                                                                               े
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               चाहत ह पर िलख नह"ं पाते। पा< नह"ं िमलत या        Gयादा  पसंद  नह"ं  था।  होता  य  था  #क  अगर
                                 Q
                                                                                             ु
                                                                         5
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               शbद ह" खो जात ह। कछ को तो अहसास ह" नह"ं          कॉलेज म #कसी कारण कभी छ€ट" हो जाती थी,
                                        े
                                                                                  े
                                                                                       े
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                                                    5
                                                                                             े
                                                                      े
               होता  #क  वो  िलख  सकत  ह  या  उ2ह  िलखना        तो  मेर  साथ  पढ़न  वाल  लड़क-लड़#कयां  िसनेमा
                                                                            े
                                                                          े
                                                                     े
               चा#हए।  मै<यी  जी  आपको  कब  लगा  #क  आप         दखन जात थ और मQ लाइेर" चली जाती थी और
                                                                 े
                                                                      5
               िलखना चाहती ह, आपको पहली बार रचनाशीलता           #कताब  िनकाल-िनकाल  कर  पढ़ा  करती  थी।  तब
                               Q
                                                                   े
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                                                                                                 े
               का  
पy  _प  स  अहसास  कब  हुआ  और  उसस          मुझ पढ़न का बड़ा शौक था, िलखन का तब नह"ं
                                           े
                                     े
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                                                                                                             े
               महFवूपण  हम य जानन चाहग #क ,य- हुआ?              सोचा  था।  मQ  एक  बात  कहूं  मीना ी,  तब  मुझ
                                                                िच#टठयां िलखना अSछा लगता था और मQ िच€ठl
                                                                                              े
                                                                िलखती भी थी और िच#टठयां मुझ िमलती भी थीं।
                                                                वह उ‚ बहुत प8रप,व नह" थी, #कशोराव
था थी
                                                                                                             ं
                                                                                                    5
                                                                                            े
                                                                और  तब  मQ  उन  िच#टठय-  क  _प  म  क?वताए
                                                                                                            े
                                                                    े
                                                                                            े
                                                                                 े
                                                                पढ़न  लगी,  िलखन  लगी।  मQन  कॉलेज  प?<का  क
                                                                                                 5
                                                                िलए  भी  िलखा  ले#कन  भ?व;य  म  कभी  गंभीर
                                                                                                        े
                                                                         ं
                                                                लेखन क_गी, ऐसा सोचा भी नह"ं था। उसक बाद
                                                                                                     े
                                                                                 े
                                                                शाद" हो गई, बSच भी हो गए। ?ववाह क पSचीस
                                                                साल बीत जान क बाद तक भी मQ पढ़ती बराबर
                                                                                े
                                                                              े
                                                                रह"।  मQ  प?<काए  पढ़ती  थी।  मुझ  उप2यास  पढ़न
                                                                               ं
                                                                                               े
                                                                                                             े
                                                                                                   ं
                                                                का Gयादा शौक नह"ं था। मQ क?वताए पढ़ती थी,

                                                                                   ं
                                                                           े
                                                                हालां#क  मQन  क?वताए  नह"ं  िलखी।  #फर  एक  बार
               मै<यी  :  मQने  क?वय-  को  बहुत  सुना।  ग>य  म5
                                                                कछ मन हुआ #क मQ हमार गांव म हमार 8रƒत म
                                                                                                          े
                                                                                                     े
                                                                 ु
                                                                                                             5
                                                                                        े
                                                                                               5
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                                              5
               rयान  बाद  म  गया।  मQ  झांसी  म  रहती  थी,  वह"ं
                                                                ह"  एक  ~ी  थी,  उन  पर  एक  कहानी  िलखूं।  वह
                                                    े
                                                        ं
               पढ़ती थी। वहां मैिथलीशरण गु?त भी थ, वृदावन
                                                                                     े
                                                                ~ी  ऐसी  थी  #क  सबक  िलए  अSछा  करती  थी,
                                                            े
                               े
               लाल वमा  भी थ ले#कन मैिथलीशरण गु जी क
                                                                             5
                                                                    े
                                                                उनक  दुख  म  दुखी  होती  थी,  #कसी  को  मदद
                             े
                                    े
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                                                       5
               कारण  झांसी  क  हमार  बुंदलखंड  कॉलेज  म  बहुत
                                                                चा#हए  होती  तो  वह  दौड़-दौड़  कर  करती।  ले#कन
                                   े
                  े
                                      े
               सार  क?व  आया  करत  थ,  अ,सर  क?व  स6मेलन
                                                                              5
                                                                9जस भी घर म वह मदद करती, अगर वहां कोई
                         े
                                                 े
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               हुआ करत थ ओर मQ उनको eिच स सुनती थी।
                                                                                                            े
                                                                                       े
                                                                पुeष होता तो उस ~ी क च8र< पर उस पुeष क
               मQ कभी िलखूंगी, मQन ऐसा नह"ं सोचा था, ले#कन
                                   े
                                                                साथ  नाम  जोड़कर  लांछन  लगाए  जाते।  तब  मQ
               मई – जुलाई                             11                                                                   लोक ह
ता र
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