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‘मुझे क ु छ नह!ं होगा... अगर क ु छ हो ‘जdर... दखना खुदा को भी टरका
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गया तो खुदा कसम क स ह! उठकर #मलन आ जाऊगा... अभी मरन वाला नह!ं मg... दख लेना...।’
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जाया कdगा।’
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‘%तवार! जी आशं9कत हए थे, अभी मरना
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‘यह! बात सुनन को तो तरस गया था, भी मत... तुJहार! अभी जdरत ह...।’
कई 1दन' स।’
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‘9कस ?’ वह बौखला उठा था।
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‘जब कहोग आ जाया कdगा।’
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‘मेर एक लेखक #म6 ह... जानते ह! हो...
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‘कहां खबर #भजवाऊ... 9कतनी बार कहा िजनक> जान 9कतनी कहा%नयां सुनाई ह तुमे।
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ह, एक मोबाइल फोन रख लो.... तुJह शहर म चौपाल म बैठकर।’ %तवार! जी क> आंख' म
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ढ ूंढना बहत मुि`कल ह।’ चौपाल म बैठन वाल दूसर श{स उतर आए थे।
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‘जमाल #मयां क चाय क खोखे पर तो ‘वह!ं जो पठानकोट म रहते ह...’ जहर
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खबर #भजवा सकते ह।’ #मयां बोला था।
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‘तुम आ जाया करो #मयां.... 1दल बहल ‘तुम अ&सर याद करते रहते ह.... हर खत
जाता ह।’ म ...।’
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‘खाना नह!ं Lखलाओग ?’ ‘व यहां आएंग ? कब आ रह ह ?’
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‘कभी 5बना खाना Lखलाए वापस #भजवाया ‘जdर आएंग.... और तुमस #मलग भी....
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ह तुम।’ ब%तयाएंग भी तुमस गल भी #मलग.... और
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तुJहार 9क स भी सुनग।’
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‘नह!ं तो... भूख लगी थी, बोल 1दया।’
‘पर... डर nगता ह...’ जहर #मयां को
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जहर #मयां.... सुना ह... तुम कगाह म पहल! बार कांपते हए दखा था।
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जाकर मर गए #म6' को गा#लयां %नकालते हो, ु
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उलाहन करते हो... जान &या-&या बुरा-भला कहते ‘काह का डर ..?’
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हो उSह.... ऐसा करन स व लौट आएंग ?
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‘बयासी साल का बूढा... तब तक िजSदा
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‘&या कd.... व सभी दगाबाज ह... एक- रहगा भी ?’
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एक करक चलते बन।’
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‘तुम अभी कहां मरन वाल हो।’
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‘यहां कोई भी नह! 1टकन वाला... तुम
‘&य' मजाक करते हो %तवार! साब...
1टकोग ? बोलो ?’
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आपका जहर #मयां पटा #लखवा क तो आया
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मई – जुलाई 33 लोक ह ता र