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Nसफ साबुन क+ झाग
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हरनFदो टलेज
कोलिJबयन प6कार और लेखक
जSम 22 माच 1908 बोगोटा
कोलं5बया
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जब वह अSदर दाLखल हआ तो वह क ु छ नह!ं मgन साबुन क> छोट!-छोट! ट ु कZड़य' का कप म
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बोला। मg अपन सबस ब1ढ़या उ तर क> धार को रखा, उसम गुनगुना पानी उडेला और ुश स
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चमड़े क पट पर तीखा कर रहा था। उस पहचान साबुन क> ट ु कZड़य' को 1हलान लगा। कप म ढर
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कर मg कांपन लगा। पर उसन मेर! ओर कोई गौर सार! झाग बन गई। “इसक अSय साUथय' क>
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नह!ं 9कया। मg उ तरा तीखा करता रहा। परखन दाढ़! भी इस क\ बढ़ चुक> होगी।“ मg झाग म ुश
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क #लए मgन उ तर क> धार पर अपना अंगूठा फरा घुमाते हए सोचन लगा।
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और रोशनी म उसक> चमक दखन लगा। उस
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“तुJह पता ह, हमन सब ठtक कर 1दया
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समय उसन कारतूस' स लैस अपनी पेट! उतार!,
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ह। मह?वपूण लोग हमार हाथ लग चुक हg। क ु छ
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गल म लटका Pप तौल उतारा और उSह खूंट! पर
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मार जा चुक हg। जो जीPवत ह उSह भी जnद! ह!
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टांग 1दया। उसन अपन #सर स टोपी भी उतार!
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मौत क घाट उतार 1दया जाएगा।”
और उस भी खूंट! पर टांग 1दया। अपनी टाई को
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ढ!ला करते हए उसन मेर! तरफ दखा और कहा, “आपन 9कतन लोग' को पकड़ा?” मgन पूछा।
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“आज भयानक गम ह। मेर! शेव बना द!िजए।
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“चौदह। उSह खोजन क #लए हम जंगल
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वह क ु स पर बैठ गया। म काफ> दूर तक जाना पड़ा। पर हमन उSह ढ ूंढ
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ह! %नकाला। उनम स एक भी िजSदा नह!ं बचेगा।”
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मgन अनुमान लगाया 9क उसक चेहर पर
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चार 1दन पुरानी दाढ़! ह। इन चार 1दन' म वह बोलते-बोलते जब उसन झाग स सन श
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हमार! टोल! क सद य' क> तलाश करता रहा। को दखा तो उसन अपनी पीठ क ु स क> पीठ स
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उसक चेहर पर तेज धूप का असर साफ 1दखाई द 1टका द!। अभी मgन कपड़ा बांधना था। इसम कोई
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रहा था। उसक चेहरा लाल-सुख नजर आ रहा था। शक नह!ं 9क मg घबराया हआ था। मgन दराज स
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मई – जुलाई 36 लोक ह ता र