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1दखाई दती ह। उसक पीछ वहां क #मथक' म जाने लगता ह। इस तरह बात +क ृ %त पर मनुMय
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मौजूद +क ृ %त क अ%तशय भयकार! Uच6ण एक क> Pवजय तक पहच जाती ह।
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बड़ी भू#मका %नभाते ह। ई`वर मनुMय' को दड दन ीको रोमन काल से ह! मनुMय क> आंतKरक
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क #लए +क ृ %त क> शि&तय' का, यानी बाढ़, बाKरश +क ृ %त को मनुMय क #लए उपयोगी व तु बनाने क
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, 5बजल!, आग, अकाल , Vवालामुखी, 1हमपात आ1द +यास आरभ हो जाते हg। उस कला व तुओं क
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का इ तेमाल करता 1दखाई दता ह। उ?पादन क #लये रचनाशील होने वाल! आंतKरक
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बाद म जो ीको रोमन दश न सामने आते ह, वहां सामlय क dप म दखा जाने लगता ह। इस तरह
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+क ृ %त को ई`वर क आदश या मूल Pवचार क> पि`चम म रचनाशीलता +क ृ %त क संसाधन' क
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अनुक ृ %त क dप म दखा जाता ह। हालां9क सुकरात उ?पाद' और पुनk?पाद' क साथ गहराई म जुड़ी
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और yलेटो क> ऐसी धारणा क बरअ&स अर तु रहती ह। जहां तक सा1ह?य और कला क>
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थोड़ा अलग तरह का िMटकोण + तुत करते हg। व रचनाशीलता का संबंध होता ह, वहां भी इस
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बाहर क> +क ृ %त क साथ मनुMय क> +क ृ %त क> मनुMय-उपयोगी होने वाले प को Pवचारणीय
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पूरक भू#मका को दखते हg। अर तु और yलेटो माना जाता ह। बाद म सा1ह?य और कला क>
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मनुMय क> +क ृ %त को बाहर! +क ृ %त का अनुकरण रचनाशीलता का संबंध मनुMय क> स}दय मूलक
करने वाल! व तु क> तरह दखते हg। इस तरह अ#भkUचओं और जdरत' क> पू%त से भी जुड़ जाता
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उनक मुता5बक मनुMय क> +क ृ %त म जो ह। परतु वहां भी यह बात क\ म बनी रहती ह
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रचनाशीलता 1दखाई दती ह, वह दरअसल बाहर क> 9क मनुMय क> आंतKरक +क ृ %त का संबंध मूलतः
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+क ृ %त का उ?पादनमूलक अनुकरण करने क> वजह बाहर क> +क ृ %त क स}दय मूलक पुनk?पाद' क
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से मनुMय' म दखी जाती ह। परतु अर तु इस साथ ह! होता ह।
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Pवचार से सहमत नह!ं होते। वे मनुMय क> +क ृ %त इस तरह हम दख सकते हg 9क मनुMय क>
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को अ%तKर&त मह?व दते ह और यह मानते हg 9क उ?पादनशीलता िजतनी बढ़ती जाती ह, उसक>
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मनुMय बाहर! +क ृ %त का अनुकरण ह! नह!ं करते, रचनाशीलता क> सामlय भी उसी अनुपात म
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अPपतु अपनी आंतKरक +क ृ %त क> ज़dरत' क Pवक#सत होती जाती ह। उ?पादन पW%तय' म आए
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मुता5बक बाहर! +क ृ %त म मौजूद क#मय' क> पू%त पKरवत न, बाहर! +क ृ %त क संसाधन' क पुनk?पाद'
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भी करते हg।
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को ह! एक नये ऊचे Pवकास- तर पर नह!ं पहचाते,
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अर तु क बाद पि`चम म मनुMय क> +क ृ %त का मनुMय क> आंतKरक +क ृ %त क> रचनाशीलता क
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बाहर क> +क ृ %त क साथ Kर`ता बदल जाता ह। संबंध म भी गुणा?मक पKरवत न लाते हg।
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मनुMय को बाहर क> +क ृ %त क पूरक क> तरह ह! |वं|वा?मक िMट से मनुMय क> अंतः+क ृ %त क जो
नह!ं अPपतु उसको %नयं6ण करने और उसका सां क ृ %तक उ?पाद होते ह, उSह भी उ?पादन
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अपने प म तथा अपनी सुPवधाओं क #लए पW%तय' से जुड़े भौ%तक उ?पादन क ऊपर! ढांचे
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इ तेमाल करने क> सामlय से यु&त भी माना क> तरह दखा जा सकता ह। यह Pवचार एंगnज़
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और मा&स क भौ%तकवाद! |वं|वा?मक दश न' स
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मई – जुलाई 44 लोक ह ता र