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गुमराह पीले फ ू लवालेपौध और कई जगह पर शा`वत नीले फॉरगेटनॉट - मी -
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hलूबेnल और जंगल! गुलाब क फ ू ल' क वाद हालां9क क ु छ दर! क साथ क े -
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िजनक> खूबसूरती सपन' म दरार आ रह! ह
LखलLखलाती ग#म य' क समय को तो +क ृ %त य क बीच पनपती ह,
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घेर म लपेट लेती ह । भाय क> +%तरोधी
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जो उसे कमतर दशा ती ह
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यहां +ेमी गहरातीसंzया म 7 -
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इस#लए ख़ुशी स अ#भभूत मनुMय
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चुरा लेते हg क ु छ अनदखा,
घृणा से मृ?यु को हतो?साह करता ह
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उनक 1दललहर भीतर ऊची -,
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दखते हg सुदर 1दन क बढ़ते जाने क सपन ।
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आँख' म +ेम,
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और बयां करती एक ऐसी कहानी
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उस 1दन का सपना जब बहत स
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िजसका जादू कभी नह!ं घटता
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सfचाई और आज़ाद! क फ ू ल
कवल वे ह! लोग
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उन महान शह!द युवाओं क लह से Lखलगे तब
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िजSह'ने 9कया ह +ेम
इंसानी ?याग से +ेम क फ ू ल ह'गे अंक ु Kरत
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करते हg पूण तया Pव`वास ।
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अब तुJहार बीच चीरते हg वे पेड़ इस +कार Uगर हg जहां युवा, जहां नायक मृत ह
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बम क> गोल! का Pवशाल धमाका होता ह हरक साद सल!ब क कर!ब फ ू ल' पर बसंत आएगा
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भू#मगत खदान दाइय' क बfचे वसंत म इधरउधर घूमग -
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तुJह गहर म Pवभािजत करती ह और +ेमी दखग वे सपन
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और यहां लोग मौत और आतंक क चलते वे सपने जो कभी नह!ं करते
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%छपते ह
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%छपते हg तुJहार! गुफाओं म छरw क घातक - AवAपन चौधर6
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बौछार' क कारण सं+%त वतं6 लखन
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1008, हाउ#संग बोड कॉलोनी, स&टर 15 ए,
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अब तुJहार मzय खंडहरक उजाड़ ह g / 1हसार हKरयाणा
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पMट तौर पर वसंत म मो. 98998-65514
मई – जुलाई 89 लोक ह ता र