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तब उनम से कोई दखे तानाशाह राजा क
मेर! खपरल आंख हवेल! पर Uगर जाए
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िजसम फसी पड़ी ह भूख उसक> छावं
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दो व&त क> रोट! क #लए
और सुबह सुबह
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मेर हाथ' म फसी जब वो जागे राजा
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रखाएं भी दखना तो
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और उनपर डाल दना उस छांव क अंधर म
कोई ऐसा जल 1दखे उसे वह! अंधकार
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9क मरने बाद तो जो उसक> Dयव था स
पता चल झेल रह! ह उसक> आवाम
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&या थी मर! नसीबी रखा
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िजसने शायद *साद- आवाज
मेर! मजदूर! क 1दन' म
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कर ल! थी आ?मह?या कAवता
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जब पृlवी बंद कर द अपनी पKर$मा
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कोई जोर से फोड़ दना
सूरज बदल द अपना सूय मंडल
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मेर! आँख
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मंगल से गायब हो जाये सारा पानी
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िजसक {वाब छोट होकर भी
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या yलूटो जैस गायब हो बुध, शु$ ओर श%न
पूर न हए सागर का सारा खारा जल
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मेर! टांग' को नहलाना
घेर ले पृlवी क> जमीन
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गम पानी स
और पृlवी पर उग आय7
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जो 5बना थक चलती रह!
सार नमक क पेड़
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जीवन से मृ?यु तक अनवरत
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पंछt भाग खड़े ह' इस वीरान पृlवी स
मेर! चीख' को नह!ं #मल! कभी
कौवे गा द इस सँहार का काला गीत
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+%तसाद क> साद
पहाड़ खुद को डूबो ल
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जब गर!बी 9क #म¹ी स
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9कसी 6ी क आसुँओं म
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ढक दग मेर! लाश
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नहर पानी से Vयादा बहा रह! ह' र&त
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बादल' पर जमा ह' हक ू मत क पैगाम
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तब एक बढ़ा सा
प?थर लेना
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बंदूक तनी ह' वाथ क #लए
जो हो इतना बड़ा 9क
दु%नया क सब मनुMय बन जाये बकKरयां
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मई – जुलाई 100 लोक ह ता र