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P. 101

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                                                                                 े
                                                 े
               ओर कोई हक ु मशाह अपने 1हसाब से द उनक>              कई वीभ?स चेहर करते ह पीछा
                          ु
                                                                                    ै
               ब#ल                                                वह कसकर बांधती ह चुनर!
                                                                              ै
                                                                  और छ ु पाती ह
                                                                           े
               तब भी बचानी चा1हए कPवता                            उसक उभर स}दय  का
                                                                      े
               जब सब ख?म हो जाएगा                                 Pव ताKरत समु\
               तब भी कPवता म बसी रहगी दु%नया और
                                       े
                               7
                                       े
               जब पृlवी पर 9फर से बनगी                            मछल! बाजार पहँच
                                                                                 ु
                                                                                  ै
               नयी दु%नया                                         जब वह लगाती ह आवाज
               तो उसे अपना हाथ दगी कPवता                          मछल! ले लो मछल!
                                  े
               और खड़ी हो जाएगी दु%नया 9क                          सारा बाजार उमड़ पड़ता ह
                                                                                         ै

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               कPवता उठने क #लए ह! होती ह                         तब 9कसी नजर म
                             े
                                                                                         ं
                                                                                     ै
                                                                  कामनाओं का होता ह समुदर
                                                                                     ै
                                                                         7
               वह नारगी चुनरवाल! लड़क>                             9कसी म उठा होता ह
                        ं
                                                                  वासना का Vवालामुखी
               वह नारगी चुनर!वाल! लड़क>
                      ं
                                                                  9कसीक> उग#लया रखना चाहती ह
                                                                                                ै
                                                                           ं
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               जलाती ह अपने सार नारगी सपन
                                                                                      ं
                                                                  उनक काले  पश  क दश
                                                                      े
                                                                                   े
                                        े
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               और मार दती ह अपने सार
                                                                  उसक> मुलायम कां%तपर
               िजजीPवषा क समु\
                          े

               नसीब क रह यमयी
                       े
                                                                                           ै
                                                                   6ी क जSम-जSमांतर क ह
                                                                       े
                                                                                        े
                                     ै
               क ु 1टल जाल पहचानती ह
                                                                  यह सब खेल
                                 े
               और अपने सपन' क Pवशाल

               मैदान म उड़ना भी चाहती ह
                                         ै
                       7
                                                                  ख?म कर मछ#लय' क> टोकर!

                                                                  उSह! पैस' से ले जाती ह
                                                                                        ै
               अपनी इfछाओं स भर मन से उठते
                               े
                                   े
                                                                           े
                                                                      7
                                                                                                े
                                                                  अपन छोट भाइय' और बूढ़! मां क #लए
               +`न' क जवाब खुद ह! ढ ूंढ
                      े
                                                                  1दनभर का खाना
               आलापना चाहती ह जीवन क अलाप
                                         े
                                ै
                                                                  सुबह उठकर अपने मर Pपता क>
                                                                                      े

                                                                  नाव 9फर छोड़ दती ह दKरयां म
                                                                                              7
                                                                                 े
                                                                                     ै
               लंJबी नाक ह उसक>
                           ै
                                                                       े
                                                                              ै
                                                                  और फकती ह उनम
                                                                                   7
               कलº कलº बाल
                                                                  अपने जdरत क जाल
                                                                               े
                                7
               लंबी-सी चो1टय' म
                                                                                   7
                                                                  तब उसक> आँख' म होते ह
                                                                                          ै
                             ै
               Lखलता रहता ह
                                                                           े
                                                                  आशाओं क चमक>ल सूरज
                                                                                    े
               हमेशा एक गुलाब
                                                                  और भूख क> तरफ जानेवाल! रोशनी

               मई – जुलाई                             101                                                                   लोक ह ता र
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