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P. 41

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               आलख
                                                                                                 Pवनोद शाह!

                                                                                जSम 1-1-1955 चरखी दादर! हKरयाणा

                                                                                   कPवता सं–ह : नए आदमी का जSम
                                                                  कहानी सं–ह : ~वण क ु मार क> खोपड़ी ,hलैक आउट नाटक,
                                                                                      झूठ पुराण , एक ह?या क> ह?या
                                                                  पुर कार सा1ह?य कला  पKरष| व ् सा1ह?य #शरोमLण पंजाब



                                                      ृ
                                                  कित म वापसी


               जब  रा स'  को  परािजत  करक  दवताओं  ने  पृlवी  पर  अपन  साŒाVय   थाPपत  9कया  तो  उSह'ने  सार
                                           े
                                              े
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               रा स पुराण अिन क हवाले कर 1दए। तथाPप एक पुराण 9कसी +कार भ म होने से बच गया। इसका
               नाम ह ‘Pवक ृ %त पुराण’। आज इस पुराण क> कथा को 9फर से सुनने और सुनाने का व&त आ गया ह।
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                                                                                           7
               तो #म6जनो! बड़ी क1ठनाई से  खोज कर लाए गए          ले9कन दवता अपने Pवलास म इस कदर ल!न थे
                                                                        े
                                                                                                             े
               इस ‘Pवक ृ %त पुराण’ क अनुसार हआ यह 9क जब         9क ‹¾मा क |वारा कई दफा चेतावनी 1दए जान
                                                                           े
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               दवताओं ने ‹¾मा को अपनी क1ठन साधनाओं स            क बावजूद उSह'ने +क ृ %त को बचाने क> 1दशा म
                                                                                                             7
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               +सSन कर #लया तो ‹¾मा ने उनस पूछा 9क &या          कोई उ|यम नह!ं 9कया। अंततः +क ृ %त  वयं ‹¾मा
                                                                           7
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               चाहते  हो  ?  दवताओं  न  कहा,  ‘हम  अजेय  होना   क>  शरण  म  गई  और  उसने  दव'  क   वेfछाचार!
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                                                                                             े
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               चाहते ह’। 9फर मनचाहा  वरदान  #मल जाने पर         हो जाने से पृlवी पर आए महान संकट क बार म
                                                                                                             7
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               उSह'ने सबसे पहले +क ृ %त क> र ा क #लए तैनात      बताया। जीवन को ह! संकट म पड़ा दखकर ‹¾मा
                                                                                            7
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               रा स'  को  एक-एक  करक  अपने  रा ते  से  हटाना    ने  +क ृ %त  को  इससे  उबारने  क  #लए  एक  उपाय
                                                                                            े
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                                                                                                      े
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               आरभ  कर  1दया।  धीर-धीर  पृlवी  से  +क ृ %त  क>   सुझाया। उSह'ने +क ृ %त को अपने गभ  स Pवक ृ %त
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               र ा  करने  वाल  सभी  रा स'  का  अंत  हो  गया।    नामक  पु6ी  को  +कट  करने  क  #लए  कहा।  9फर
                                                                                            े
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               +क ृ %त अरœ त हो गई। कोई +%तरोध करने वाला        पृlवी पर जैसे ह! +क ृ %त क गभ  से Pवक ृ %त +कट
                                                                                         े
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               न  बचा,  तो  दवता   वfछद,  %नरक ु श  और  Pवलासी   हई तो पूर! दवभू#म म हाहाकार मच गया। दवता
                                                                                     7
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               हो गए। वे +क ृ %त क साधन' का अमया 1दत dप म       अचानक  अपने  Pवलास  क>  नींद  से  जाग  उठ।
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               उपभोग  करन  लगे।  उनक  अ?यUधक  सुPवधाजीवी        पया वरण को दूPषत पाकर इं\ उसका उपचार करन
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               होने  क  कारण  ि थ%त  यह  हो  गई  9क  उSह  इस    क #लए अपने बादल' म बाKरश का पानी भरकर
                                                      े
                                                                                    े
                                                                                                             े
               बात का zयान ह! नह!ं रहा 9क +क ृ %त क अ य         जैसे  ह!  बाहर  %नकल,    उSह'ने  पाया  9क  उनक
                                                                                             7
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               ¿ोत  भी  अब  Kर&त  होने  क  कर!ब  आ  गए  थे      बादल'  म  भरा  जल  अमल  म  बदल  गया  था।
                                                                         7
               मई – जुलाई                             41                                                                   लोक ह ता र
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