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                                           ै
               बुराई स  और 9कतना लड़ना ह
               जब9क इस समय                                      बाढ़ म बह ग
                                                                      7
               युW, महामार! और लड़ाई                             लापता ह
                                                                        ु
                                                                मृ?यु से लड़ी बार बार बच ग
               सबक> अपनी भू#मका ह                               तो 9फर तैयार हो गई
                                    ै
                                                                            े
               आदमी क> अपनी                                     अपनी भूख क +%त और Vयादा सचेत
               और बुराई क> अपनी
               कांतर समय म                                      पाठशालाओं ने नह!ं गढ़ा इनका नसीब
                             7
                                      7
               खंजर  था उसक> सोच म थे शhद                       इSहोन खुद हां#सल 9कए
                                                                      7
               उसे उजागर करते हए 9क दखो                         िजंदगी क  सबक
                                                                        े
                                        े
                                 ु
                         7
               हर काल म मेरा ह! अि त?व बना रहा                  गाँव से पलायन कर
                                                                और महानगर म +वेश
                                                                               7
               जब9क रोपा गया था मनुMयता को                      संकnप म बंधी रह!ं मु1Ýयां
                                                                         7
                                 7
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               अfछाई क अहाते म                                  धरती, भूख और yयास को
                                                                कभी खुद से अलग नह!ं 9कया
               टाट प1¹याँ
                                                                ये टाट प1¹याँ

                                                                जdर लड़7गी
                                           7
               ये टाट प1¹याँ खुले आसमान म
                                                                #श ा, रोजगार और अपनी जमीन क #लए
                                                                                                े
                                                ै
               उड़न त`तKरय' को सुदूर जाते दखा ह
                                            े
                                                                &य' 9क ये साधारण
               धरती से हाथ 1हलाते हए
                                    ु
                                                                                g
                                                                टाट प1¹याँ नह!ं ह

                      े
               उSह!ं क नीचे
                                                                       ू
               9क  5बछt रह!ं                                    कोnह का बैल
               कट! - फट!
                                                                       े
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               बड़े - बड़े छद स                                   मुँह अंधर से चकई  चलती ह
                              े
               आर  - पार होती थीं                               Pपसती ह
                                                                        g
                        ँ
               सब ऋतुए
                                                                चूर - चूर कर अपना वजूद
                                                                               g
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               अधूर! 9कताब                                      #सर पर उठाती ह  पृlवी
                                                                    े
                                                                   े
               9क UचSदा  - UचSदा कापी                           अंधर से गुजरते हए
                                                                                ु
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               थाल! म रखी रहतीं ह हर 1दन
               क ु पोषण क> तमाम योजनाए                          कहाँ  -कहाँ
                                        ं
               मई – जुलाई                             92                                                                   लोक ह ता र
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