Page 105 - IC23 life insurance application
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2                           THE   GAZETTE   OF  INDIA : EXTRAORDINARY                   [PART III—SEC. 4]

                    घ.  जब तक इन िविनयम  म  अ यथा उ लेख नह   कया गया हो, ये िविनयम अिधिनयम के अंतग त प रभािषत

                         प म   वा  य बीमा  वसाय करने  वाले सभी पंजीकृत जीवन बीमाकता  , साधारण बीमाकता   और
                         वा  य  बीमाकता    पर  लागू  ह गे।    ये  िविनयम  जहाँ भी  उ लेख   कया  गया  हो,  वहाँ  सभी  तृतीय  प
                         बंधक  (टीपीए) पर भी लागू ह गे।

               2.  प रभाषाएँ. (i) इन िविनयम  म , जब तक संदभ  से अ यथा अपेि त न हो,--


                    क.  "अिधिनयम" से बीमा अिधिनयम, 1938 अिभ ेत है।

                    ख.  " वा  य सेवा करार" से भारतीय बीमा िविनयामक और िवकास  ािधकरण  (तृतीय प   बंधक –  वा  य
                        सेवाएँ) िविनयम, 2016 म  यथाप रभािषत करार अिभ ेत है;

                    ग.  " ािधकरण" से बीमा िविनयामक और िवकास  ािधकरण अिधिनयम, 1999 क  धारा 3 क  उप-धारा 1 के
                        अधीन  थािपत भारतीय बीमा िविनयामक और िवकास  ािधकरण अिभ ेत है।

                    घ.  "आयुष िच क सा" से आयुव द, योग और  ाकृितक िच क सा, यूनानी, िस  और होिमयोपैथी  णािलय  के

                        अंतग त दी गई डॉ टरी और / या अ पताल म  भत  क  िच क साएँ िन द  ह ।

                    ङ.  "पॉिलसी म   मभंग" से समय का वह अंतराल अिभ ेत है जो वत मान पॉिलसी क  अविध के अंत म  घ टत
                        होता है, जब एक िनि त पॉिलसी पर नवीकरण के  िलए िनयत  ीिमयम का भुगतान  ीिमयम के नवीकरण

                        तारीख को या उससे पहले अथवा उस तारीख से 30  दन के अंदर नह   कया जाता।

                    च.  "नकदी  रिहत  सुिवधा"  से  बीमाकृत   ि   को  बीमाकता   अथवा  बीमाकता   क   ओर  से  तृतीय  प    बंधक
                        (टीपीए)  ारा  दान क  जाने वाली वह सुिवधा अिभ ेत है जहाँ पॉिलसी क  शत  के अनुसार बीमाकृत  ि

                         ारा कराई गई िच क सा के  य  के भुगतान बीमाकता   ारा, अनुमो दत पूव - ािधकरण क  सीमा तक नेटवक
                         दाता को सीधे  कये जाते ह ।

                    छ.  "उ पाद दािखल (फाइ लग) करने संबंधी  दशािनद श" से  वा  य बीमा  वसाय के अंतग त आने वाले उ पाद
                        का  िवपणन  अथवा    ताव  करने  से  पहले  बीमाकता     ारा  अनुसरण  क   जाने  वाली     या  के  संबंध  म
                         ािधकरण  ारा िविन द   दशािनद श अिभ ेत ह ।


                    ज.  " वा  य बीमा  वसाय" से अिधिनयम क  धारा 2 (6सी) के  अंतग त यथाप रभािषत  वा  य बीमा  वसाय
                        अिभ ेत है।
                    झ.  "टीपीए  ारा  वा  य सेवाएँ" से भारतीय बीमा िविनयामक और िवकास  ािधकरण (अ य़ प   बंधक –

                         वा  य सेवाएँ) िविनयम, 2016 के  िविनयम (3) म  िविन द  सेवाएँ अिभ ेत ह ।

                    ञ.  " वा  य और जीवन संयोजन उ पाद" से वे उ पाद अिभ ेत ह  जो जीवन बीमाकता   ारा   तािवत जीवन
                        बीमा  र ा  तथा  साधारण  बीमाकता   अथवा   वा  य  बीमाकता    ारा    तािवत   वा  य  बीमा  र ा  का
                        सि म ण  दान करते ह ।

                    ट.  "नेटवक   दाता" से भारतीय बीमा िविनयामक और िवकास  ािधकरण (तृतीय प   बंधक –  वा  य सेवाएँ)
                        िविनयम, 2016 म  यथाप रभािषत नेटवक   दाता अिभ ेत है।

                    ठ.  " ायोिगक उ पाद" से एक वष  क  पॉिलसी अविध से यु  सीिमत अविध वाला उ पाद अिभ ेत है जो अब तक
                          तािवत न  कये गये अथवा वत मान उ पाद  म  छोड़  दये गये जोिखम  को बीमार ा  दान करने के िलए
                        नवो मेषण हेतु अवसर देने के उ े य से उ पाद  ारंभ करने क  तारीख से पाँच वष  से अनिधक अविध के िलए
                        साधारण बीमाकता   अथवा  वा  य बीमाकता    ारा िव य के  िलए   तािवत  कया जा सकता है।








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