Page 3 - E-Book 22.09.2020
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परामश दाता पयावरण, वन एवं जलवायु प वत न मं ालय क दी पि का “िह दी-म
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ी िबभाष रजन कहां ँ?” का थम वा क अंक तुत करते ए मुझे अ यंत गौरव एवं हष क
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अनुभूित हो रही है। येक वष क भांित इस वष भी दी पखवाड़ा नांक 01-15
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िसतंबर क म य, दी योग क ो साहन हेतु िविभ ितयोिगता का आयोजन
कर मनाया गया। ायः यह देखा गया है कायालय म तकनी एवं वै ािनक
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संपादक य सिमित
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डॉ. ाची गंगवार कित क पिणयां अं ेजी भाषा क मा यम से तुत क जाती ह । दी भाषा म
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डॉ. स या काय क संपादन हेतु येक वष दी पखवाड़ा मनाकर दी भाषा को चार-
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डॉ. सुशील कमार सार क भाषा क प म ो सािहत या जाता है। इस पि का क काशन का
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मु य उ य दी म ाकितक संपदा क संर ण से संबिधत बात जनमानस तक
प ँचाना है।
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भारत सरकार, दी को मातृ भाषा क प म प चािलत करन हेतु यह यास या गया
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पयावरण, वन एंव है तुत अंक म िवि यां पाठक क िलए िचकर, ानवधक एवं िवचारशील
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जलवायु प वत न ह । हम िव ास है यह अंक सम त पाठक को अ यिधक ि य होगा।
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नई ली संपादक मंडल उन सम त लेखक का आभारी है िज होने इस पि का क
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िलए अपने रोचक एवं उपयोगी लेख दान कर हमारा उ साह बढ़ाया है। आभार है
काया लय क सम त कम चारीगण का, िज होन सतत् प म एवं लगन से पि का
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दूरभाष क संकलन म सहयोग या है। सीिमत संसाधनो क साथ पि का को उ क प म
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0522-2326696 तुत करने का यास या गया है।
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हम उन सभी स माननीय लेखक का आभार करना चाह गे िज होन
आवरण एव स ा देश क अ य सं थान म काय रत रहते ए अपनी रचना भेजकर ब मू य योगदान
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ी सौरभ वमा या है। िजनक रचना को कािशत करने पर हम गौरवाि वत अनुभव कर रहे
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ी पवन कमार
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डॉ. ाची गंगवार
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