Page 74 - Not Equal to Love
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सूरज ूकाश
- आप ह+ ने बताया था। आप कु छ ऐसा िलख ना जो
आपको अमर कर दे। y यार िलख, y यार पर िलख, अगर
कभी महसूस 5कया हो, ऐसा y यार Oजस पर िलखा जा
सके , अमर y यार क अमर कहानी!! y यार पर तो हमेशा
िलखा जा सकता है न देव।
- बेशक। अब भी तो िलखते ह। y यार पर भी और अमर
होने के िलए भी। ले5कन सब कु छ इतना आसान नह+ं
होता। हो सकता है, आपक कहानी मेर+ राह आसान कर
दे। पर मेरे िलए िलखना कभी आसान नह+ं होता। िलखने
क तैयार+ क कोई तुलना नह+ं होती।
- सच!!
- कु छ भी रचना हमेशा बहुत मुOँ कल होता है रचनाकार के
िलए। भीतर एक आग सी जलानी होती है और 5फर उस
आग के ताप म कु छ रचा जाता है।
- कहते चल।
- कई बार लोग तुलना करते ह 5क रचने क पीड़ा या
िलखने क पीड़ा ूसव पीड़ा क तरह होती है ले5कन म
इस तुलना से सहमत नह+ं।
- _ य* देव, इस तुलना म _ या 5द_कत है। सह+ ह+ तो है
5क लेखक भी उसी गहर+ तकलीफ से गुजरता है Oजसे
एक ी बg चे को जTम देते समय गुज़रती है।
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