Page 75 - Not Equal to Love
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नॉट इ वल टू लव
- दोन* तरह क पीड़ा म अंतर है छIव। बg चे के जTम क
पीड़ा क िमयाद अमूमन तय है। बहुत हुआ तो एकाध
हझता आगे या पीछे। और यह पीड़ा भी संतान उपIx के
समय ह+ होती है, गभ<धारण क पूर+ अविध के दौरान
नह+ं। बाक का समय उस मां के िलए बहुत आनंद का,
उमंग का भी हो सकता है। ले5कन कd ब त लेखन इतना
आसान नह+ं होता। जब 5कसी रचना के अंकु ए फू टते ह
तो न तो रचना के बाहर आने क अविध तय होती है
और न मानिसक उथल पुथल क सीमा। आप जूझते
र5हये रात 5दन, 5दन*, मह+न* और कई बार बरस* ले5कन
राइटस< ) लॉक ऐसा होता है 5क आपको कु छ करने ह+
नह+ं देता। कु छ भी िलखा नह+ं जाता।
- ये राइटस< ) लॉक _ या होता है। सुना तो है पर इसके बारे
म H यादा जानती नह+ं।
- दरअसल थोड़ा Iवः तार से बताना होगा। इस समय आप
तैयार ह _ या ये सब जानने के िलए?
- ज/र सर, ये भी कोई पूछने क बात है। आप मेर+ ह+ तो
जानकार+ बढ़ा रहे ह। आज रात थोड़ा कम सो लूंगी।
- यानी मुझे अपनी नींद को भी बाद म आने के िलए
कहना होगा। खैर, इ{स ओके । दरअसल हर लेखक क
अपनी खुद क दुिनया बहुत पेचीदगी भर+ होती है। उसके
भीतर+ और बाहर+ संघष<, उसक कु छ खास आदत, उसक
जीवन शैली, िलखने के िलए खुद को तैयार करने के कु छ
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