Page 1 - INBEF की आवाज़
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श ी रामचन र ख़ुंिटया सुभाष सावन
कायर कारी अध क महामन री
श श ी रा म च न र
शास री अवाडर , देसाई अवाडर से शुर ह ई बै क किम र यो की संघषर और ऐितहािसक सफलताओं की गाथा
िजसने बै क किम र यो को के द ीय सरकार और अन सावर जिनक क ेत के कमर चािरयो की तुलना मे अिधक
सम ानजनक िस ित मे पह ँचाया था, चौथे िद पक ीय समझौते से कु न होने लगी और 29.10.1993 को ह ए पे सन
और कं प ूटरीकरण पर ह ए समझौते के साथ ही इसकी चमक फीकी पड़ गई, संघषर का स ान समपर ण ने ले
िलया । तब से आज तक बै क कमी के द ीय सरकार व अन सावर जिनक क ेत के कमर चािरयो की तुलना मे वेतन
और पे सन के मामले मे लगातार िपछड़ते जा रहे है -और तो और जीवन बीमा िनगम के कमर चारी जो बै क
किम र यो की भाँित िवत मन रालय के अन गर त आते है , िजनका वेतन समझौता बै क किम र यो के बाद होता है और
जो एक वक पर बै क किम र यो के वेतन समझौते को उत ुकता से देखा करते थे और उसे आधार बना कर
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