Page 7 - INBEF की आवाज़
P. 7

29.10.1993 को ह आ पे सन और कं प  ूटरीकरण का समझौता





            बै क कमी   सामािजक सुरक  ा की द िष   से पे सन की लगातार माँग कर रहे थे -स  ेट बै क ऑफ़ इिण  या और

            इलाहबाद बै क मे  पे सन तृतीय सेवा िनवृत   लाभ के  र प मे  पहले से स  ीकृ त थी । पे सन की माँग को लेकर बै क


            कमर चारी दो भागो  मे  बँट गए थे -एक भाग िजसमे  AIBOC, NCBE, INBEF और NOBW शािमल थे, वे स  ेट बै क की


            तज़र  पर पे सन को तृतीय सेवा िनवृत   लाभ के  र प मे  िदए जाने की माँग कर रहे थे जबिक दूसरा भाग िजसमे 


            AIBEA और BEFI शािमल थे, वे के  द  ीय सरकार/िरज़वर  बै क के  कमर चािरयो  की भाँित अंशदायी भिवष   िनिध


            (सीपीएफ़) के  बदले पे सन चाहते थे-दोनो  भागो  ने अपनी अपनी माँगो  के  समथर न मे  अलग अलग हड़ताले  भी

            की थी  । पे सन को तृतीय सेवा िनवृत   लाभ के  र प मे  िदए जाने का संघषर  दो वजहो  से कमज़ोर पड़ गया ।



            पहला, पे सन को तृतीय सेवा िनवृत   लाभ की माँग करने वाले  भाग के  सबसे सशक   दो संघठन AIBOC और


            NCBE के  अिधकांश सदस   स  ेट बै क ऑफ़ इंिडया से थे जहाँ यह सुिवधा पहले से िमल रही थी, इस वजह से वे


            बार बार हड़ताल कर अपना वेतन नही  कटवाना चाहते थे, दूसरा इस भाग के  अनेक नेता 01.01,1986  के  बाद


            सेवा िनवृत   ह ए थे, उन  े  राज़ी करने के  िलए IBA के  साथ िमल कर अन  र ही अन  र जोड़ तोड़ का खेल चल रहा


            था । इसी दौरान पे सन को तृतीय सेवा िनवृत   लाभ की माँग करने वाले भाग ने यह माँग की िक ऐसे कमर चारी


            जो पे सन को अंशदायी भिवष   िनिध (सीपीएफ़) के  र प मे  नही  स  ीकार करना चाहते है , उनके  महँगाई भत  े


            (DA) पर भी भिवष   िनिध की कटौती हो ।



            कमर चािरयो  की इस फू ट का आईबीए ने भरपूर लाभ उठाया-एआईबीईए ने जोड़ तोड़ कर पे सन को तृतीय


            सेवा िनवृत   लाभ की माँग करने वाले उन नेताओं को जो 01.01.1986 के  बाद सेवा िनवृत   ह ए थे, यह कह कर मना


            िलया िक आईबीए पे सन समझौता 01.01,1986 से लागू करने को राज़ी है । आपसी फू ट और जोड़ तोड़ के  ऐसे


            माहौल मे  29.10.1993 को पे सन का ऐितहािसक समझौता आईबीए और एआईबीईए के  मध   हस  ाक  िरत ह आ


            । इस समझौते मे  पे सन का िवकल   न चुनने वाले कमर चािरयो  की महँगाई भत  े पर भिवष   िनिध की कटौती


            की माँग ख़ािरज कर दी गई ।




            29.10.1993 को हस  ाक  िरत समझौते के  बाद पे सन रेग  ुलेशन 1995 अिस  त   मे  आया िजसे लेकर आज तक


            बै क किम र  यो  मे  रोष है -कहा जाता है िक पे सन अपग  ेडेशन का जो प  ावधान MOU मे  था, उसे पे सन रेग  ुलेशन मे 


            से हटा िदया गया, सरकार द  ारा मना िकए जाने के  बावजूद  ऐसा प  ावधान जोड़ा गया जो कमर चािरयो  के


            हड़ताल मे  भाग लेने पर मैनज  े ट को उन  े  पे सन के  लाभ से वंिचत करने का अिधकार देता था, बाद मे  यह

            ग़लती पकड़ मे  आने के  बाद दूर की गई लेिकन ऐसे प  ावधान का असर यह ह आ िक अनेकानेक कमर चािरयो  ने


            पे सन का िवकल   नही  चुना । सबसे बड़ी चूक यह ह ई िक पे सन को लाभ से जोड़ िदया गया ।






                                                                       PA G E   !  7
   2   3   4   5   6   7   8   9   10   11   12