Page 24 - INBEF की आवाज़
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सच  ाई यह है िक आईबीए और जो यूिनयने  आईबीए के  साथ वातार  मे  बै क किम र  यो  का प  ितिनिधत   कर रही

            है ,  इन दोनो  ही पक  ो  ने िपछले पाँच िद  पक  ीय समझौतो  के  दौरान अनेक भूले  की है   िजनकी वजह  से आज


            की युवा पीढ़ी बै को  के  अपेक  ाकृ त कम वेतनमान और तनाव पैदा करने वाली कायर प  णाली और कायर  की


            दशाओं से पूरी तरह िनराश और हताश है । लेिकन लेिकन इसका समाधान आईबीए द  ारा प  स  ािवत Variable


            Pay Concept को स  ीकार कर लेने मे  िनिहत नही  है बिल   इस िनराशा और हतशा की िस  ित को बदलने के


            िलए ज़र री है िक आईबीए और वातार  मे  शािमल यूिनयने   अपनी भूलो , किमयो  और चूको  पर ईमानदारी से


            िवचार मंथन करे , उन  े  स  ीकार करे  और उनसे सबक़ लेते ह ए अपनी माँगो  को समुिचत र प से रखे  । यह


            दुभार ग  पूणर  है िक जब दुिनया बदल गयी है, पिरिस  ितयाँ बदल गयी है  लेिकन बै क यूिनयनो  का नेतृत   इन


            बदली ह ई पिरिस  ितयो  के  अनुर प अपने आप को बदलने के  िलए तैयार नही  है । जब बै क अच  ा वेतन देने


            की िस  ित मे  थे तब वे उसकी माँग कर लेने से चूक गए और जब बै क बुरे िदनो  से िघरे ह ए है  तब उनकी वतर मान


            िस  ित के  िलए आम अिधकारी और कमर चारी को िज़म  ेदार मानते ह ए कम वेतन वृिद   पर राज़ी होकर बै क


            किम र  यो  और सरकारी तथा अन   उद  ोगो  के  कमर चािरयो  के  वेतन के  फ़ासले को और बढ़ाने की अनुमित देना

            बै क किम र  यो  के  मान, सम  ान और स  ािभमान के  िख़लाफ़ आचरण है । बै को  की वतर मान दशा के  िलए िसफ़र 


            और िसफ़र   सरकार और मैनज  े ट दोषी है । बै क अिधकािरयो  और कमर चािरयो  के  संघठनो  के  िलए मौजूदा


            िस  ित करो या मरो की है -अभी नही  तो कभी नही  -अब भी हम यिद अपने अपने सदस  ो ,  िजनका िक हम


            प  ितिनिधत   कर रहे है , की आशाओं और आकांक  ाओं के  अनुकू ल उनका वेतन, पे सन  और कायर  की दशाओं


            को सरकारी व अन   उद  ोगो  के  कमर चािरयो  के  कम से कम बराबर लाने मे  असमथर  रहते है  तो िफर आने वाली


            पीिढ़याँ हमे  कभी माफ़ नही  करे गी और हम सब भी अपनी ही नज़रो  मे  िगर जाएँगे । ज़र रत है जनता को


            यथाथर  और सच  ाई बताते ह ए उनका समथर न प  ाप   कर संघषर , अनवरत संघषर  और तब तक संघषर  करने की


            जब तक बै क किम र  यो  को वेतन और पे सन के  मामले मे  न  ाय की प  ािप   न हो जाए ।




                                       बह त ह आ अब उठो और जागो िफर से ह ंकार भरो





                              खोया ह आ मान वािपस िमले , कु छ ऐसी तुम शुर आत करो.





                              करो या मरो,डरो नही ,िफर से संघषर  का उद  ोषक बन  जाओ.





                            बढ़ो बै क कमी   अब आगे, बस शुर आती संघषो     को याद करो.













                                                                      PA G E   !24
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