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चिच़िया
इक-इक तिनका जोड़ कर तितड़या,
अपना घर बनािी है I
धूप-हवा बाररश से,
अपना पररवार बिािी है I
मेहनि से िुम ना घबराना,
हम सबको तसखलािी है I
छोटे-छोटे हाथों से,
बड़े काम कर जािी है I
नाम - तवद्या
कक्षा –VII ‘A’
फ ू ल ह ूँ मैं
फ ू ल ह ूं मैं, हवा पानी से ह ूं मैं जीतवि,
मि िोड़ो कोई मुझको II नहीं तकसी पर बोझ कोई II
उगने दो मुझे बतगया में, देख मुझे तििली भी इठलािी,
महका दो हर आूंगन को, रस मेरा पी जािी,
फ ू ल ह ूं मैं I फ ू ल ह ूं मैं,
कई िरह क े रूंग है मेरे, मि िोड़ो मुझे I
नीले-पीले काले-हरे II
सबक े मन को है हम भkिें, नाम - अतदति भट्ट
कक्षा -VII ‘A’
तफर भी िोड़ मुझे िुम जािे,
फ ू ल ह ूं मैं I