Page 37 - Microsoft Word - CHETNA MARCH 2020- APRIL 2020 FINAL
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हई शाम के चुप बने वातावरण म. जैतून क1 छोट%-छोट% पि{तयां भी जैसे 5सर
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झुकाकर आनेवाल% रात म. सोने क1 तैयार% करने लगी थीं। ;यeतह चुपचाप,
बहत गंभीर और अपने 5सर पर जैसे एक बड़े से पहाड़ का बोझ 5लये हये,
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आकर एक बड़े से प{थर पर आकर बैठ गया था। बैठते ह% उसक1 आंखJ के
सामने, उसके िजये हये दनJ क1 बहत सी बात. +कसी +कताब के प#नJ के
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समान धीरे-धीरे खुलने लगीं . . .'
vगलाद का पु( ;यeतह vगलाद% बड़ा ह% शूरवीर था, ले+कन वह वेXया
का बेटा भी था। उसके Eपता vगलाद से उसक1 अपनी प{नी जो ;यeतह क1
सौतेल% मां थी, से और भी बेटे हये थे। एक दन ;यeतह ने अपने घर म. आकर
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अपने भाइयJ से कहा +क,
'अपने प<रवार के पशुओं म. से एक भेड़ का बbचा मुझे दे दो, ता+क म8 भी
अपने 5म(J के साथ बैठकर मनोरंजन कर सक ूं ।'
;यeतह के मुंह से ऐसी अ {या5शत बात सुनकर उसके सारे भाई जैसे
अचानक ह% vचढ़ गये। वे सब तो यूं भी उसे पस#द नह%ं करते थे। कोयले के
समान जल-भुनकर वे उससे बोले,
'तू =या समझता है +क, तूने कह दया और तुझे 5मल जायेगा? तू तो पराई P(ी
से ज#मा है, हमार% मां से नह%ं। इस5लये तुझे इस घर क1 स?पि{त और Eपता के
घराने से कोई भी हPसा नह%ं 5मल पायेगा। हम तुझे यहां से पहले ;नकाल.,
इससे बेहतर होगा +क तू खुद ह% यहां चला जा।'
;यeतह को अपने भाइयJ क1 तरफ से इस कार के यवहार क1 ज़रा
भी आशा नह%ं थी। वह सुनकर चका ह% नह%ं, बरन घोर आXचय0 से भी भर
गया। साथ ह% उसे अपने भाइयJ पर mोध भी बहत आया। +फर भी वह अपने
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पर संयम रखते हये उनसे बोला,
ु
'म8 अगर चाहं तो तुम सबको मारकर +कोन के नाले म. दफ़न कर दूं और
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सार% स?पि{त भी ले लूं। ले+कन मरे हये बाप क1 आ{मा और परमेXवर के भय
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ने मेरे हाथ पकड़ रखे ह8। और जब तुम सबने मुझे एक तरह से घर से ;नकाल
ह% दया है तो अब म8 इस घर तो =या तु?हारे देश म. भी नह%ं रहंगा।'
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यह कहता हआ ;यeतह घर से ;नकला और जाकर चलते हये उसने तोब
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देश म. ह% दम 5लया। +फर वह%ं वह रहने लगा। तोब देश लुbचे और लफं गJ
समान मनुGयJ के 5लये यूं भी 5सc था, सो ;यeतह भी उनम. बैठकर संग;त
करने लगा।
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