Page 35 - CHETNA JANUARY 2020- FEBRUARY 2020 FINAL_Neat
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मतलब
क_वता
जब स[बQध> क/ चादर मC पड़ने लगC छेद
छलनी हो जाये Lरiत> क/ सुनहल त?वीर,
जब वे तु[हC देख कर भी अनदेखा करने लगC
और पहचान कर भी कतराकर Zनकलने लगC,
जब आप उQहC बुलायC
तो बहाना बनायC अपनी य?तता का,
खुद उनके घर जाना चाहC,
तो उतर Vमले उनक/ अनुपि?थZत का,
जब क ठनाइय> के दौर मC गुज़रC आप,
तो पहले ह से नदारद हो जायC अपने ?थान से,
ये सोच कर 8क,
कह ं सहायता न मांग बैठC आप,
तो सोच लेना 8क,
डोर ट ू ट चुक/ है उन बQधन> क/,
िजQहC जोड़ा था कभी तुमने अपनव क/ र Zत से,
घुन लग चुक/ है,
उन ?मृZतय> के मोZतय> मC,
िजQहC _परोया था कभी तुमने दल क/ Hीत से,
वे जानकर भी अनजान बनC,
देख कर भी अनदेखा करC,
तो ये संके त है,
जमाने क/ उस आदत का,
8क िजसमC कहते हK 8क,
अब कोई नाता नह ं रहा उनका तुमसे,
=य>8क जो मतलब था,
वह Zनकल गया है उनका कब से.
- महआ शरोवन.
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