Page 32 - CHETNA JANUARY 2020- FEBRUARY 2020 FINAL_Neat
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'अब ठहरे रहो यह ं पर थोड़ी देर तक. शायद गमg के  कारण तु[हC च=कर
        आ गये ह>. मK ठंडा „®ंक देती हँ, उसे पीकर ह  आगे चलना.' कहते हए मधु ने
                                  ू
                                                                 ु
        बफ,   मC  रखे  हए  „®ंक  को  Zनकाला  और  उसे  खोलकर  मधुप  को   दया.  उसने
                    ु
        चुपचाप „®ंक ले Vलया. एक दो घूँट _पए और 8फर कार चालू करके  वापस सड़क
        पर आ गया. सारे रा?ते भर वह क ु छ नह  बोला. चुपचाप बड़ी खामोशी से कार
        चलाता रहा और सोचता रहा. सोचता रहा 8क =य> उसने इस लड़क/ से इतना
        qयार 8कया? qयार भी 8कया था तो =य> वह इसके  इतने कर ब आ गया? कर ब

        भी आया था तो 8फर =य> नह ं उसने इसे कॉलेज के   दन> मC ह  अपने मन
        और अपनी qयार क/ हसरत> के  बारे मC आगाह कर  दया था? वह तो सदा से
        ह  धोखे मC रहा है. मधु तो अपने 'मीता' से qयार करती है. वह 'मीता' जो के वल
        और  के वल  उसका  ह   है.  वह  अपने  को  उसका  'मीता'  समझता  रहा  था  पर
        उसका 'मीता' तो कोई और ह  है. एक  दन जब उसने पूछा था 8क,'मीता' का
        अथ,  जानती  हो,  तो  8कतनी  सहजता  से  वह  बोल   थी  8क,'मK  यह  सब  नह ं
        जानती.' ले8कन वह जानती थी. उसक/ मधु, उसक/ ह  नाक के  नीचे, मधुनाथ
        क/ बाँह> मC झूलती रह , उसे qयार करती रह  और उसे  आहट तक न लगी?
        8कतना अ}धक आहत हआ है वह यह सब जानकर? इसकदर 8क qयार क/ डगर
                           ु
        पर हजार>-हजार कदम चलने के  बाद भी वह मधु के  qयार क/ तZनक ख़ाक तक
        न पा सका और मधु, उसने तो अपने एक पग मC ह  qयार के  सारे पडाव नाप

        Vलए हK? सचमुच मC उसके  शहर और उसके  Hांत क/ लड8कयाँ 8कतनी बे-वफा
        और बे-मुर™बत होती हK? यह बात सह  हो या ना भी हो, 8फर भी मुह™बत करने
        वाल> क/ डोVलयाँ अ=सर ˆखसत होकर अपनी ससुराल पहँच ह  जाती हK और
                                                         ु
        उनके  qयार करने वाले मा* कहार ह  देखते रह जाते हK.
             8कसी तरह से अपने मन-मि?तBक और ट ू टे-घायल िज?म से मृत qयार क/
        आ?थाओं का कफ़न बाँध कर मधुप घर पहंचा. मधुVलका को उसने उसके  घर
                                             ु
        पर छोड़ा. सार  रात वह अपने qयार क/ हार  हई बाज़ी के  बारे मC सोच-सोच कर
                                              ु
        करवटC बदलता रहा. दूसरे  दन उसने अपनी छ ु  «यां र| क/ं और मधुVलका को
        बताये बगैर ह  अपने काया,लय मC °यूट  पर पहँच गया. काफ/  दन> तक वह
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        इन सार  बात> को दोहराता रहा. सोचता था 8क, ऐसा कै से हो गया? मधुVलका
        के   ‡यवहार  और  सामीqय  से  तो  ऐसा  क ु छ  भी  नज़र  नह ं  आया  था  8क,  वह
        उसके  ?थान पर 8कसी अQय लड़के  को qयार भी करती है? वह तो आर[भ से
        ह  उसके  साथ बैठती थी. लड़ती और झगड़ती थी. उसके  साथ खाती थी. उसको
        छेड़ा करती थी. उसे चुट8कयां काटती थी. जब भी साथ मC खाना खाती थी, उसे

                                             32 |  चेतना प ढ़ये और आगे ब ढ़ये
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