Page 29 - CHETNA JANUARY 2020- FEBRUARY 2020 FINAL_Neat
P. 29
'जाओ मॉफ 8कया तु[हC. अब कभी ध=का न देना सबके सामने.'
'HोVमस. अब कभी ऐसा नह ं क~ं गा.' मधु ने अपने दोन> कान पकड़े तो
मधु बोल ,
'अब इतने भी सीधे मत बनो.'
8फर दोन> ह `खल-`खलाकर हंस पड़े.
इस तरह से दन बीते. मह ने 8फर साल गुज़र गये. मधु क/ चूड़य> का
नाप बढ़ा तो मधुप ने उसी नाप क/ और चूड़यां लाकर मधु को पहना द ं. दोन>
के बीच यह VसलVसला तब तक चलता रहा जब तक 8क मधु क/ चूड़य> का
नाप ि?थर नह ं हो गया. दोन> के कॉलेज समाqत हए. चूड़य> का नाप नह ं बढ़ा
ु
और कॉलेज से आगे क/ VशRा के दन भी नह ं बढ़ सके . मधुप ने नौकर ढ ूंढना
आर[भ कर दया था मगर मधु को उसके माता-_पता ने घर पर ह बैठया. वे
चाहते थे 8क मधु का _ववाह कर दया जाए. इसVलए उसके घर मC उसके उ}चत
वर क/ तलाश आर[भ हो चुक/ थी. बहत कोVशश> के बाद मधुप को एक
ु
नलक ू प _वभाग मC अवर अVभयंता के पद पर सरकार नौकर Vमल गई तो उसे
अपने घर से मा* चाल स 8कलोमीटर क/ दूर पर ह जाना पड़ता था. आर[भ मC
वह अपनी बाइक से ह जाता रहा. मगर बाद मC उसे ऋण Vमला तो 8कiत> पर
उसने एक कार भी खर द ल . हांला8क, नौकर क/ य?तता और घर से अ=सर
ह दूर रहने के कारण मधुप क/ मुलाकात> का VसलVसला अब काफ/ कम हो
गया था, ले8कन 8फर भी वह मधु को भुला नह ं सका था. जब भी वह अपने
घर आता तो मधु से Vमले बगैर नह ं जाता था. य द अवसर Vमलता और समय
होता तो वह उसे अपनी कार से बाज़ार मC खर दार आ द भी करा देता था. दोन>
अभी तक वैसे ह Vमलते थे. कभी-कभी उनमC कहा-सुनी भी हो जाती थी. कहने
का आशय है 8क उ\ के पoचीस बसंत पार करने के बाद भी अभी तक दोन> के
यवहार> मC कोई _वशेष तद Vलयाँ नह ं आ सक/ थी. यह बात मधु मC बड़ी
आसानी से देखी जा सकती थी. उसका यवहार मधुप के Vलए )बलक ु ल वैसा ह
था जैसा 8क कॉलेज के दन> मC रहा करता था. मगर 8फर भी मधुप अब कह ं
बहत अ}धक ग[भीर हो चुका था. वह मधु को अब दूसरे अंदाज़ से देखने लगा
ु
था, =य>8क जब दल क/ सोई हई धड़कन> मC ?पंदन जा}jत हए, मन-मि?तBक
ु
ु
मC Hेम क/ माला मC बुने हए मोती हसरत> और एहसास के गीत गुनगुनाने लगे
ु
और दन भर साथ रहते हए जब अलग होने का _वछोह का दद, परेशान करने
ु
लगा तो मधुप को ये पता चला 8क वष से मधुVलका के साथ-साथ चलते हए
ु
29 | जनवर -फरवर 2020