Page 131 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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अ याय छह
सबक़ पाँच :
अमीर लोग पैसे का
आिव कार करते ह
िप छली रात म ने िलखना बंद िकया और अलै ज़ डर ाहम बेल क े जीवन पर आधा रत एक
टीवी काय म देखा। बेल ने टेलीफ़ोन का पेट ट करवाया था और उनक नई खोज क बह त
माँग थी। चूँिक उ ह एक बड़ी कं पनी क ज़ रत थी इसिलए वे उस समय क नामी कं पनी वे टन
यूिनयन क े पास गए और उनसे कहा िक वे उनक े पेट ट और उनक छोटी सी कं पनी को ख़रीद
ल । वे पूरे पैक े ज क े एक लाख डॉलर चाहते थे। वे टन यूिनयन क े अ य ने यह सुनते ही
यौ रयाँ चढ़ा ल और ताव को यह कहकर ठ ु करा िदया िक माँगी जाने वाली क़ मत बह त
यादा है। बाक इितहास है। खरब डॉलर क े उ ोग का ज म ह आ और ए.टी. एड टी. का ज म
ह आ।
अलै ज़ डर ाहम बेल क कहानी ख़ म होने क े बाद शाम क े समाचार आ रहे थे। समाचार
म एक थानीय कं पनी क े टाफ़ म कटौती क े बारे म एक ख़बर थी। कम चारी नाराज़ थे और
िशकायत कर रहे थे िक कं पनी क े मािलक यादती कर रहे ह ।फ़ ै ी क े सामने एक 45 साल का
नौकरी से िनकाला गया मैनेजर अपनी प नी और दो ब च क े साथ खड़ा था और सुर ा गाड से
अंदर जाने क इजाज़त माँग रहा था तािक वह मािलक से यह िवनती कर सक े िक उसे नौकरी
से न िनकाला जाए। उसने हाल ही म एक मकान ख़रीदा था और उसे डर था िक उसे मकान
बेचना पड़ेगा। क ै मरा उसक े अनुनय-िवनय पर नजर गड़ाए था और पूरी दुिनया इसे देख रही थी।
यह कहने क ज़ रत नह है िक इसने मेरा यान ख च िलया।
म 1984 से यावसाियक प से पड़ा रहा ह ँ। यह एक बह त अ छा अनुभव और पुर कार
रहा है। यह एक िवचिलत करने वाला काम भी है, य िक म ने हज़ार ब च को पढ़ाया है और
म ने सभी म एक बात देखी है िजसम म भी शािमल ह ँ। हमम बह त यादा संभावनाएँ होती ह और
हम क ृ ित ने बह त से उपहार िदए होते ह । परंतु जो चीज़ हम सभी को पीछे धक े लती है वह है ख़ुद
क े बारे म शंका। तकनीक जानकारी क कमी क े कारण हम पीछे नह रहते, बि क
आ मिव ास क कमी क े कारण पीछे रहते ह । कई लोग पर इसका असर यादा होता है।
एक बार हम क ू ल छोड़ देते ह तो हम सभी जानते ह िक कॉलेज िड ी क े होने या अ छे
नंबर आने का कोई ख़ास मह व नह होता। शै िणक माहौल क े बाहर असली िज़ दगी म अ छे
नंबर से यादा मह वपूण चीज़ क ज़ रत होती है। इसे 'गट् स' ‘बहादुरी,' चालाक ,' ‘साहस,’
िनरंतरता,’ ' ितभा,’ ‘जोिखम लेने क मता' इ यािद क े नाम से पुकारा जाता है। यह त व,
चाहे इसे िकसी भी नाम से पुकारा जाए, क ु ल िमलाकर हमारे भिव य पर क ू ल क े नंबर से
यादा असर डालता है।
हम सभी क े भीतर एक बहादुर, ितभाशाली और जोिखम लेने वाला च र मौजूद होता है।
परंतु हम सभी क े भीतर च र का एक दूसरा पहलू भी होता है जो अपने घुटने टेककर ज़ रत