Page 164 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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उनक े िलए देने का एक कार था। िजतना यादा उ ह ने िदया, उतना ही उ ह िमला। पैसे देने क े
मामले म ज़ र उन दोन म अंतर था। मेरे अमीर डैडी ने बह त सा पैसा दान िदया। उ ह ने अपने
चच को दान िदया, समाजसेवी सं थाओं को दान िदया और अपने फ़ाउंडेशन को दान िदया। वे
जानते थे िक पैसा हािसल करने क े िलए पैसा देना होता है। पैसा देना यादातर अमीर प रवार
का रह य है। इसीिलए रॉकफ े लर फ़ाउंडेशन और फ़ोड फ़ाउंडेशन जैसे संगठन काम कर रहे ह । ये
संगठन उनक संपि को लेते ह , उसे बढ़ाते ह और लगातार देते रहते ह ।
मेरे पढ़े-िलखे डैडी हमेशा कहा करते थे, ''जब मेरे पास अित र पैसा होगा, म उसे दान म
दूँगा। ''सम या यह थी िक उनक े पास कभी अित र पैसा नह आया। इसिलए वे यादा पैसा
कमाने क े िलए यादा मेहनत करते रहे और पैसे क े सबसे मह वपूण िनयम को भूल गए, ''दो
और आपको िमल जाएगा।'' इसक े बजाय वे यह यक न करते रहे, ''लो और िफर दो।''
िन कष म म यही कहना चाहता ह ँ िक मुझ पर दोन ही डंिडय क छाप है। मेरा एक
िह सा कट् टर पूँजीपित का है जो पैसे से पैसा कमाने क े खेल से ेम करता है। मेरा दूसरा िह सा
एक सामािजक प से िज़ मेदार िश क का है जो ग़रीब और अमीर क े बीच बढ़ती आिथ क
खाई से बह त यादा िचंितत है। म इस बढ़ती ह ई खाई क े िलए मूल प से दिक़यानूसी िश ा तं
को िज़ मेदार मानता ह ँ।