Page 159 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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म  अ सर लोग  से यह सवाल पूछता ह ँ “रोज़मरा  क  यह गितिविध आपको कहाँ ले जा रही

               है?” छोटे हैम टर क  तरह लोग  को यह देखना चािहए िक उनक  कड़ी मेहनत का नतीजा  या
               िनकल रहा है। उनका भिव य क ै सा होगा?

                     िस रल ि कफ़  ड, द अमे रकन एसोिसएशन ऑफ़  रटायड  पीपल क े  भूतपूव  ए ज़ी यूिटव
               डायरे टर, का कहना है िक “ ायवेट प शन क  हालत बह त ख़राब है। पहली बात तो यह िक
               आज काम करने वाल  म  से 50 फ़ सदी को कोई प शन नह  िमलेगी। इसी बात से िचंता होनी
               चािहए। और बाक  बचे 50 फ़ सदी म  से भी 75 से 80 फ़ सदी लोग  को नाम मा  क  प शन
               िमलेगी जो 55 डॉलर या 150 डॉलर या 300 डॉलर  ितमाह होगी।”

                     अपनी पु तक द  रटायरम ट िमथ म    े ग एस. काप ल िलखते ह  : “ म  एक बड़ी रा  ीय

               प शन सलाहकार फ़म  क े  मु यालय म  गया और म  मैनेिजंग डायरे टर से िमला िजसक
               िवशेष ता बिढ़या  रटायरम ट योजनाएँ तैयार करने म  थी। जब म ने उससे पूछा िक छोटे ऑिफस
               म  काम करने वाले लोग  को प शन से िकतनी आमदनी क  उ मीद करनी चािहए तो उसने
               िव ास भरी मु कराहट क े  साथ कहा : “िस वर बुलेट।”

                     “िस वर बुलेट का  या मतलब होता है?” म ने पूछा।

                     उसने अपने कं धे उचकाए, “अगर बुजुग  को लगता है िक बुढ़ापे म  उनक े  पास िज़ंदा रहने
               क े  िलए पया   धन नह  है तो वे अपने आपको गोली मार सकते ह ।” काप ल इसक े  बाद पुराने

                रटायरम ट  लान और  यादा ख़तरनाक नए 401 k  लान म  अंतर को  प  करते ह ।  यादातर
               काम करने वाल  क े  िलए यह कोई सुखद त वीर नह  है। और यह तो ह ई  रटायरम ट क  बात।
               जब इस त वीर म  मेिडकल फ़ स और दीघ कालीन निस ग होम सुिवधा को जोड़ा जाता है तो
               त वीर डरावनी हो जाती है। उनक  1995 क  पु तक म  वे बताते ह  िक निस ग होम क  फ स
               30,000 डॉलर  ित वष  से 125,000 डॉलर  ित वष  है। वे अपने इलाक़ े  क े  साफ़-सुथरे परंतु
               साधारण निस ग होम म  गए और उ ह ने 1995 म  क मत को 88,000 डॉलर पाया।

                     आज भी, समाजवादी िचिक सा वाले देश  क े  कई अ पताल  म  कई कड़े फ ै सले लेने होते ह

               जैसे “कौन िजएगा और कौन मरेगा?” वे यह फ़ ै सले िवशु   प से इस आधार पर लेते ह  िक
               उनक े  पास िकतना पैसा है और मरीज िकतने वृ  ह । अगर मरीज़ वृ  है तो वे अ सर मेिडकल
               क े यर को अपे ाक ृ त युवा  यि  को दे देते ह । बूढ़ा ग़रीब मरीज लाइन म  सबसे पीछे खड़ा रहता
               है। तो िजस तरह अमीर लोग बेहतर िश ा हािसल कर सकते ह  उसी तरह अमीर लोग अपने
               आपको िज़दा भी रख सकते ह  जबिक िजनक े  पास दौलत नह  है वे मर जाएँगे।

                     तो म  हैरान हो जाता ह ँ िक  या कम चारी भिव य म  देख पा रहे ह  या उनक  भिव य  ि

               क े वल उनक  अगली तन वाह तक ही जाती है और वे अपने आपसे कभी दूरगामी भिव य क े
               बारे म  सवाल ही नह  करते?

                     जब म   यादा पैसा कमाने क  इ छा रखने वाले वय क  क े  सामने बोलता ह ँ तो म  हमेशा
               एक ही चीज़ क  सलाह देता ह ँ। म  यह सुझाव देता ह ँ िक वे अपने जीवन क े  बारे म  एक लंबा
                ि कोण रख । क े वल पैसे और सुर ा क े  िलए काम करने क े  बजाय जो हालाँिक मह वपूण  ह , म
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